क्या दिल्ली पुलिस का 'नशा मुक्त दिल्ली 2027' अभियान और शिक्षक दिवस पर जागरूकता पहल सफल होगी?

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली पुलिस का 'नशा मुक्त दिल्ली 2027' अभियान एक महत्वपूर्ण पहल है।
- सामाजिक उत्तरदायित्व और महिला सशक्तीकरण पर जोर दिया गया।
- कार्यक्रम में प्रतियोगिताएँ और पुरस्कार वितरण शामिल थे।
- जागरूकता फैलाने के लिए सख्त कार्रवाई की जा रही है।
- युवाओं को नशे के खिलाफ जागरूक किया जा रहा है।
नई दिल्ली, 31 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने 'नशा मुक्त दिल्ली 2027' अभियान और शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में 28 से 30 अगस्त तक भागीदारी जन सहयोग समिति के साथ मिलकर एक राष्ट्रीय स्तर का जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया।
कार्यक्रम का समापन एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में हुआ, जो प्रतियोगिताओं और पुरस्कार वितरण पर केंद्रित रहा। इस दौरान राष्ट्रीय स्तर की नुक्कड़ नाटक और शोध पत्र प्रस्तुति प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान सहित विभिन्न राज्यों के हजारों कॉलेज छात्रों ने भाग लिया।
इन प्रस्तुतियों में नशीली दवाओं के खिलाफ जागरूकता, सामाजिक उत्तरदायित्व और महिला सशक्तीकरण जैसे महत्वपूर्ण विषयों को उजागर किया गया।
पुरस्कार वितरण का कार्य विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) देवेश चंद्र श्रीवास्तव, राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य डेलिना खोंगडुप, जिला न्यायाधीश डॉ. राजिंदर धर, भागीदारी जन सहयोग समिति के अध्यक्ष विजय गौड़ और डीसीपी (एएनटीएफ) संजीव कुमार यादव ने किया।
श्रीवास्तव ने जिम्मेदार पालन-पोषण और साइबर सुरक्षा, यातायात नियम, नशा जागरूकता, महिला-बाल सुरक्षा और बुजुर्गों के प्रति जिम्मेदारी जैसे पांच प्रमुख क्षेत्रों पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि नशा केवल कानून-व्यवस्था की समस्या नहीं है, बल्कि यह समाज और युवाओं के भविष्य के लिए एक गंभीर खतरा है। दिल्ली पुलिस ने तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और जागरूकता फैलाने की दोहरी रणनीति अपनाई है।
इस सत्र का आयोजन शिक्षक दिवस समारोह के अंतर्गत हुआ, जिसमें बैंड प्रदर्शन, प्रख्यात हस्तियों के संबोधन और पुरस्कार वितरण शामिल थे। 'नशा मुक्त भारत पखवाड़ा 2025' के तहत आयोजित चित्रकला प्रदर्शनी में युवाओं की कलाकृतियों ने नशा रोकथाम का प्रभावी संदेश दिया।
दिल्ली पुलिस आयुक्त के नेतृत्व में 'शून्य सहनशीलता नीति' के तहत 2024 में 1,789 एनडीपीएस मामले दर्ज किए गए और 2,290 तस्करों को गिरफ्तार किया गया। 2025 में 31 जुलाई तक 1,425 मामले और 1,784 गिरफ्तारियां हुईं। ऑपरेशन कवच 9.0 (9-10 अगस्त 2025) सहित नौ अभियानों में 44,648 किलो नशीले पदार्थ (मूल्य 13,794.25 करोड़ रुपए) नष्ट किए गए। 22.6 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई, और मानस पोर्टल (1933) और हेल्पलाइन (14446) के माध्यम से जागरूकता बढ़ाई जा रही है।