क्या दिल्ली पुलिस ने 160 से अधिक चोरी हुए मोबाइल फोन मालिकों को लौटाए?
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली पुलिस ने 160 से अधिक चोरी हुए मोबाइल फोन लौटाए।
- तकनीकी निगरानी ने इस कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- पुलिस की पहल से सामाजिक विश्वास में वृद्धि हुई है।
- मोबाइल फोन की वापसी का कार्यक्रम द्वारका में आयोजित किया गया।
- पुलिस की मेहनत और समर्पण ने लोगों को खुशी दी।
नई दिल्ली, 28 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली के द्वारका क्षेत्र की पुलिस ने 160 से अधिक खोए और चोरी हुए मोबाइल फोन को बरामद कर उनके असली मालिकों को लौटाने का कार्य किया। मोबाइल वापसी कार्यक्रम का आयोजन पुलिस उपायुक्त (द्वारका) अंकित सिंह की अध्यक्षता में द्वारका जिला पुलिस कार्यालय परिसर में किया गया।
इस अवसर पर एडिशनल डीसीपी सौरभ चंद्र भी उपस्थित थे। डीसीपी अंकित सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने द्वारका जिले की मॉनिटरिंग सेल के कर्मचारियों की मेहनत की सराहना की और उन्हें भविष्य में इस तरह के कार्यों को जारी रखने के लिए प्रेरित किया।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस पहल में द्वारका जिले के मॉनिटरिंग सेल का योगदान है, जिसके चलते लोगों को उनका खोया हुआ फोन वापस मिला है। इस टीम में एएसआई जय भगवान, एचसी ओमबीर लांबा, एचसी राजेश, एचसी राजबीर, एचसी भजन पाल और कांस्टेबल्स अनिल कुमार, नरसिंह देव, अमित कुमार शामिल थे।
उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा खोए हुए मोबाइलों की वापसी से न केवल लोगों के चेहरे पर मुस्कान लौटी, बल्कि पुलिस की सकारात्मक कार्रवाई से आम नागरिकों का विश्वास भी बढ़ा है।
ये बरामदगी जिले की समर्पित निगरानी प्रकोष्ठ द्वारा की गई, जिसने तकनीकी निगरानी और सेवा प्रदाताओं के समन्वय का उपयोग करते हुए व्यवस्थित रूप से गुम और चोरी हुए मोबाइल फोन का पता लगाया। सत्यापन के बाद मोबाइल के असली मालिकों से संपर्क किया गया और उन्हें मोबाइल लेने के लिए बुलाया गया।
पुलिस ने तकनीकी निगरानी, आईएमईआई ट्रैकिंग, कॉल डिटेल रिकॉर्ड एनालिसिस और रियल टाइम डेटा मॉनिटरिंग के संयोजन से मोबाइल बरामद किए।
इससे पहले भी दिल्ली की द्वारका जिला पुलिस ने 270 से अधिक खोए और चोरी हुए मोबाइल फोन बरामद कर उनके असली मालिकों को लौटाने का कार्य किया था। यह पहल शाहदरा जिला पुलिस द्वारा 'ऑपरेशन विश्वास-2025' के तहत लगभग 1 करोड़ रुपए मूल्य के 625 चोरी और गुम हुए मोबाइल फोन बरामद करने के दो दिन बाद हुई थी।
1 मई 2025 को शुरू की गई इस जिलाव्यापी पहल का उद्देश्य समन्वित निगरानी, डेटा विश्लेषण और लक्षित अभियानों के माध्यम से चोरी हुए उपकरणों का पता लगाना और उन्हें उनके असली मालिकों को लौटाना है।