क्या दिल्ली क्राइम ब्रांच ने कुख्यात फरार अपराधी अशद उर्फ अर्शद को गिरफ्तार किया?

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली पुलिस की तेजी से कार्रवाई ने एक कुख्यात अपराधी को गिरफ्तार किया।
- अशद उर्फ अर्शद का आपराधिक इतिहास गंभीर अपराधों से भरा हुआ है।
- गुप्त सूचना और तकनीकी निगरानी के माध्यम से गिरफ्तारी संभव हुई।
- समाज में अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जरूरी है।
- पुलिस की मेहनत और समर्पण ने इस गिरफ्तारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
नई दिल्ली, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए बिंदापुर थाना क्षेत्र के एक चर्चित हत्या मामले में वांछित फरार अपराधी अशद उर्फ अर्शद (20) को गिरफ्तार किया है। गुप्त सूचना के आधार पर आरोपी को दिल्ली के केटवाड़ा गांव से पकड़ा गया।
18 अगस्त 2025 को बिंदापुर निवासी कुलदीप सिंह की हत्या कर दी गई थी। शिकायतकर्ता बंटी ने पुलिस को बताया था कि 17 अगस्त को कुलदीप का झगड़ा रितिक उर्फ डांसर और मुन्ना से हुआ था। इसके बाद दोनों अपने साथियों के साथ मिलकर कुलदीप और बंटी को पीटने लगे। झगड़े के दौरान रितिक ने अपने साथी से चाकू लिया और कुलदीप के सीने पर वार कर दिया। गंभीर रूप से घायल कुलदीप को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस मामले में स्थानीय पुलिस ने कुछ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन अशद उर्फ अर्शद फरार चल रहा था और बार-बार ठिकाना बदलकर गिरफ्तारी से बचता रहा।
दरअसल, एसआई अनुज छिकारा को सोमवार को गुप्त सूचना मिली कि अशद अपने साथियों से मिलने के लिए केटवाड़ा गांव आएगा। इसके बाद, डीसीपी (क्राइम ब्रांच) हर्ष इंदोरा, आईपीएस के निर्देशन में इंस्पेक्टर पवन सिंह और एसीपी राजपाल डाबस की देखरेख में टीम गठित की गई। इस टीम में एसआई अनुज छिकारा, एएसआई ओम, हेड कॉन्स्टेबल रविंदर सिंह और हेड कॉन्स्टेबल प्रमोद कुमार शामिल थे। तकनीकी निगरानी के आधार पर आरोपी का लोकेशन ट्रैक किया गया और गांव में जाल बिछाकर उसे धर दबोचा गया।
अशद का पुराना आपराधिक इतिहास रहा है, जिसके तहत उसके खिलाफ कई गंभीर मामलों में मुकदमे दर्ज हैं। बिंदापुर थाने में हत्या के एक मामले में उसके खिलाफ एफआईआर नंबर 518/2025, दिनांक 18 अगस्त 2025 को धारा 103(1)/109(1)/3(5) बीएनएस के तहत दर्ज की गई है। इसके अलावा, विकासपुरी थाने में लूट और अपहरण के एक अन्य मामले में एफआईआर नंबर 189/2025, दिनांक 20 मई 2025 को धारा 309(4)/140(3)/3(5) बीएनएस के तहत दर्ज हुई। इस घटना में पीड़ित अजय कुमार को आधी रात गुड़गांववाला अपार्टमेंट्स के पास पांच बदमाशों ने रोका, उनकी कार लूट ली और मारपीट करने के बाद फरार हो गए। इस वारदात ने इलाके में दहशत फैला दी थी।
पूछताछ में अशद ने दोनों मामलों में शामिल होने की बात स्वीकार की। वह राजापुरी, भारत विहार का निवासी है और सरकारी स्कूल से 12वीं तक पढ़ा है। वह अविवाहित है और अपने छोटे भाइयों-बहनों में सबसे बड़ा है। शराब की लत और गलत संगत में पड़कर उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह बार-बार मोबाइल नंबर और लोकेशन बदलता रहा तथा उत्तम नगर में एक गारमेंट्स शॉप पर सेल्समैन का काम भी करने लगा था।