क्या दिल्ली सरकार आईआईटी कानपुर के साथ मिलकर एआई आधारित इंटेलिजेंट ग्रीवांस मॉनिटरिंग सिस्टम लॉन्च करेगी?
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली सरकार और आईआईटी कानपुर का सहयोग
- एआई आधारित प्रणाली का विकास
- शिकायतों के एकीकृत प्रबंधन की व्यवस्था
- पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा
- नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए तकनीक का उपयोग
नई दिल्ली, 29 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पारदर्शी और प्रदर्शन आधारित शासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, दिल्ली सरकार ने आईआईटी कानपुर के सहयोग से एक एआई आधारित इंटेलिजेंट ग्रीवांस मॉनिटरिंग सिस्टम (आईजीएमएस) को जल्द ही लॉन्च करने की योजना बनाई है। यह प्लेटफॉर्म, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में विकसित किया गया है, और यह दिल्ली के शिकायत निवारण तंत्र को एक यूनिफाइड डिजिटल डैशबोर्ड पर लाएगा, जिससे शिकायतों का बेहतर विश्लेषण, त्वरित समाधान, और प्रभावी पब्लिक सर्विस डिलीवरी संभव होगी।
वर्तमान में, दिल्ली के नागरिक विभिन्न पोर्टल्स जैसे कि सार्वजनिक शिकायत प्रबंधन प्रणाली, एलजी लिसनिंग पोस्ट, और सीपीग्राम के माध्यम से अपनी शिकायतें दर्ज कराते हैं। विभिन्न प्लेटफॉर्म के कारण, कई बार शिकायतों के समाधान में देरी, कार्य की दोहराव, और निगरानी की कमी जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित आईजीएमएस, सुरक्षित एपीआई और एडवांस्ड एआईएमएल तकनीक का उपयोग कर इन सभी प्लेटफॉर्म्स को एकीकृत करेगा। इसके प्रमुख विशेषताओं में शामिल हैं: नागरिकों द्वारा दर्ज की गई सभी शिकायतें एक ही स्थान पर दिखाई देंगी; शिकायत की प्रकृति के आधार पर खोज की सुविधा; बार-बार आने वाली शिकायतों के पीछे की मूल समस्या की पहचान; शिकायतों को स्वचालित रूप से सही विभाग में भेजना; और फर्जी शिकायतों को छांटने की क्षमता। इसके अलावा, शिकायत समाधान के आधार पर विभागों और क्षेत्रों की रैंकिंग भी की जाएगी।
आईआईटी कानपुर इस सिस्टम के इंटीग्रेशन, साइबर सिक्योरिटी ऑडिट (वल्नरेबिलिटी असेसमेंट और पेनिट्रेशन टेस्टिंग) और पोर्टल के रखरखाव की जिम्मेदारी भी संभालेगा। इस पहल का उद्देश्य शिकायत निवारण व्यवस्था में पारदर्शिता, जवाबदेही, और कार्यकुशलता को और अधिक मजबूत करना है।
आईटी मंत्री पंकज कुमार सिंह ने कहा कि दिल्ली सरकार नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का सहारा ले रही है। एआई आधारित आईजीएमएस न केवल विभिन्न शिकायत पोर्टल्स को एकीकृत करेगा, बल्कि अधिकारियों को डेटा-आधारित जानकारी प्रदान करके निर्णय प्रक्रिया को भी मजबूती प्रदान करेगा। यह नागरिक-केंद्रित, पारदर्शी, और उत्तरदायी शासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।