क्या हमारी सरकार ने 1984 के दंगा प्रभावित परिवारों के जख्मों पर मरहम लगाया?
सारांश
Key Takeaways
- 1984 के सिख दंगों से प्रभावित 36 परिवारों को नौकरी के नियुक्ति पत्र दिए गए हैं।
- दिल्ली सरकार ने परिवारों के जख्मों पर मरहम लगाने का कार्य किया है।
- मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पीड़ितों के संघर्ष को सम्मानित किया है।
- यह कदम परिवारों के लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक है।
- सरकार ने न्याय और सम्मान दिलाने का प्रयास किया है।
नई दिल्ली, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। शुक्रवार को दिल्ली सचिवालय में 1984 के सिख दंगों से प्रभावित 36 परिवारों के सदस्यों को दिल्ली सरकार द्वारा नौकरी के नियुक्ति पत्र सौंपे गए।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार ने 1984 के दंगों से प्रभावित परिवारों के जख्मों पर मरहम लगाने का कार्य किया है। कई नियमों को सरल बनाकर सरकार ने इन परिवारों का दर्द कम किया है और हर प्रभावित परिवार के एक सदस्य को नौकरी प्रदान की है। वर्षों तक ये सिख परिवार उम्मीद लेकर पिछली सरकारों के पास गए, अनेक कठिनाइयों का सामना किया, अपनी समस्याएँ बताईं, कोर्ट में गए और छोटी-छोटी अपीलें कीं, लेकिन उनकी चिंताओं पर सही ध्यान नहीं दिया गया। मैं अपने मंत्रियों का भी धन्यवाद करती हूँ, जिन्होंने इस कार्य को करने के लिए लगातार प्रयास किए और आज इन परिवारों को नौकरी दिलाने में सफल हुए हैं।
1984 के सिख दंगों से प्रभावित एक परिवार के सदस्य ने कहा, 'मेरे पिता और दादी को घर में जलाकर मार दिया गया था। मैं उस समय बहुत छोटा था, मेरी बड़ी बहन के साथ। ऐसा ही हुआ, मेरे पिता और दादी को हमारे घर में जिंदा जला दिया गया। इतने संघर्ष के बाद, हम आभारी हैं कि अंततः हमें कुछ मिला है, हम खुश हैं।'
एक अन्य ने कहा, 'मैं 2 साल की थी जब मेरे पिता एक हमले में मारे गए थे। उनके साथ उनके बड़े भाई, उनकी पत्नी और उनके बेटे, कुल चार सदस्य शहीद हो गए थे। यह एक नरसंहार था। 41 साल हो गए हैं, और हमें न्याय नहीं मिला है। भाजपा की सरकार ने हमें न्याय दिया है।'
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि दिल्ली सचिवालय में 1984 के सिख दंगों से प्रभावित 36 परिवारों के सदस्यों को एमटीएस के नियुक्ति पत्र सौंपे गए। यह केवल नौकरी देने का कार्यक्रम नहीं था, बल्कि उन परिवारों के लंबे इंतज़ार और संघर्ष को सम्मान देने की एक ठोस पहल है। 1984 का सिख दंगा हमारे इतिहास का एक अत्यंत दर्दनाक अध्याय है।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में पीड़ित परिवारों को न्याय और सम्मान दिलाने के निरंतर प्रयास किए गए हैं। उसी सोच को आगे बढ़ाते हुए, हमारी सरकार प्रभावित परिवारों को सम्मानजनक आजीविका और सुरक्षित भविष्य देने के लिए ठोस कदम उठा रही है। श्री गुरु तेग़ बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर लाल किले पर आयोजित समागम हमारे लिए सेवा और कर्तव्य का अवसर था। आज उसी सेवा के लिए परिवारों से मिला स्नेह और सम्मान मेरे लिए अत्यंत भावुक क्षण रहा। कुछ महीने पहले 19 परिवारों को नियुक्ति पत्र दिए गए थे और आज 36 और परिवारों को नौकरी प्रदान की गई है।
रेखा गुप्ता ने आगे कहा कि ये नियुक्तियां इस बात का प्रमाण हैं कि सरकार उनके साथ खड़ी है और उन्हें सम्मान के साथ आगे बढ़ने का हर अवसर उपलब्ध करा रही है। यह मदद नहीं, जिम्मेदारी है। यह औपचारिकता नहीं, सम्मान है और यह अतीत को याद रखते हुए भविष्य को सुरक्षित करने का एक सच्चा प्रयास है।