क्या दिल्ली से माता-पिता की डांट के कारण भागीं तीन लड़कियां भोपाल में मिलीं?

सारांश
Key Takeaways
- नाबालिगों की सुरक्षा के लिए रेलवे का ऑपरेशन नन्हें फरिश्ते महत्वपूर्ण है।
- परिवारों में संवाद की आवश्यकता है।
- यात्रियों को सतर्क रहना चाहिए।
- बच्चों की भावनाओं को समझना आवश्यक है।
- सामाजिक जिम्मेदारी निभाना सभी का कर्तव्य है।
भोपाल, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली की राजधानी से अपने माता-पिता की डांट से नाराज होकर भागी तीन नाबालिग लड़कियों को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में खोज निकाला गया है। इस सफलता का श्रेय रेलवे के ऑपरेशन नन्हें फरिश्ते को दिया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, भोपाल स्टेशन पर इस ऑपरेशन के तहत आरपीएफ द्वारा इन तीन नाबालिग लड़कियों को सुरक्षित रूप से रेस्क्यू कर गौरवी सखी सेंटर को सौंपा गया। स्टेशन पर तैनात सहायक उप निरीक्षक राघवेंद्र सिंह ने नियमित गश्त के दौरान इन लड़कियों को डरी-सहमी स्थिति में पाया।
उन्होंने महिला आरक्षक उमा पटेल को बुलाकर लड़कियों को सांत्वना दी और उनसे बातचीत करने का प्रयास किया। स्थानीय यात्रियों से पूछताछ के बावजूद किसी भी जानकारी का पता नहीं लग सका। अंततः तीनों लड़कियों को महिला आरक्षक के साथ आरपीएफ पोस्ट भोपाल लाया गया।
पूछताछ में लड़कियों ने बताया कि वे दिल्ली में अपने माता-पिता की डांट से नाराज होकर बिना किसी को बताए किसी अज्ञात ट्रेन में सवार होकर भोपाल पहुंची थीं। रेस्क्यू के दौरान दिए गए मोबाइल नंबर पर उनके परिजनों से संपर्क किया गया और उन्हें पूरी स्थिति से अवगत कराया गया।
तीनों लड़कियों का चिकित्सकीय परीक्षण कर उन्हें गौरवी सखी सेंटर को सौंप दिया गया है। इस घटना की सूचना उनके परिजनों को दे दी गई है।
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ कटारिया ने बताया कि रेलवे परिसर में गश्त, सतर्कता और यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए नाबालिगों की सहायता हेतु ऑपरेशन नन्हें फरिश्ते चलाया जा रहा है। यात्रियों से अपील की गई है कि वे रेलवे परिसर में किसी भी संदिग्ध या असहाय बच्चे को देखकर तुरंत आरपीएफ को सूचित करें।