क्या तिमारपुर में हत्या की कोशिश के मामले में आरोपी राजीव गिरफ्तार हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- राजीव को हत्या की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
- पुलिस ने तकनीकी निगरानी के माध्यम से आरोपी को पकड़ा।
- दिल्ली में अपराध की घटनाओं को रोकने के लिए एंटी-गैंगस्टर स्क्वॉड सक्रिय है।
नई दिल्ली, 22 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार के नेतृत्व में एंटी-गैंगस्टर स्क्वॉड (एजीएस) की एक टीम ने शनिवार को तिमारपुर में 32 वर्ष के आरोपी राजीव उर्फ राज को गिरफ्तार किया। वह 25 अक्टूबर को एफआईआर नंबर 529/2025 के तहत बीनएस की धारा 109(1)/3(5) के तहत दर्ज एक सनसनीखेज हत्या की कोशिश के मामले में वांछित था। घटना के बाद से आरोपी फरार चल रहा था।
एजीएस द्वारा जारी बयान के अनुसार, 24 अक्टूबर को लगभग 7 बजे, तिमारपुर की संजय बस्ती में सुलभ शौचालय के पास राजीव और विशाल के बीच विवाद हुआ। एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में, शिकायतकर्ता राहुल ने झगड़े की सूचना देने के लिए पीसीआर कॉल की। जब आरोपियों को पता चला कि राहुल ने पुलिस को सूचित कर दिया है, तो राजीव और विशाल दोनों ने गुस्से में आकर उस पर चाकू से हमला कर दिया, जिससे उसे कई चोटें आईं।
हमले के बाद दोनों आरोपी मौके से फरार हो गए। इसके बाद तिमारपुर पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया। राजीव की गिरफ्तारी के साथ ही हत्या की कोशिश का यह सनसनीखेज मामला कुछ हद तक सुलझ गया है। हालांकि, विशाल अभी भी फरार है।
दिल्ली में स्ट्रीट क्राइम, हथियारों से लैस हमलों और गैंग से जुड़ी गतिविधियों की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने सक्रिय और फरार अपराधियों का पता लगाने और उन्हें पकड़ने की कोशिशों को तेज कर दिया है। एजीएस को विशेष रूप से इंटेलिजेंस नेटवर्क बनाने और दिल्ली और आस-पास के राज्यों में ऐसे अपराधियों पर नजर रखने का काम सौंपा गया है।
इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार की नेतृत्व में एक समर्पित एजीएस टीम बनाई गई, जिसमें एसआई अगम प्रसाद, एसआई ब्रज लाल, एएसआई गोबिंद, एएसआई सुरेंदर, एएसआई मिंटू, हेड कांस्टेबल विनोद, हेड कांस्टेबल धर्मराज और हेड कांस्टेबल दीपक शामिल थे।
टीम ने राजीव की गतिविधियों पर तकनीकी निगरानी के साथ लगातार मैनुअल इंटेलिजेंस इकट्ठा की। 20 नवंबर को टीम को उसकी लोकेशन की जानकारी मिली। इसी आधार पर काम करते हुए एजीएस ने निगरानी की और राजीव को दिल्ली के द्वारका मोड़ से सफलतापूर्वक पकड़ लिया।
लगातार पूछताछ के दौरान, आरोपी ने हत्या की कोशिश के मामले में शामिल होने की बात स्वीकार की और पहले भी कई आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने की बात बताई।
राजीव तिमारपुर के संजय बस्ती का निवासी है। वह अपनी मां, छोटे भाई विशाल, बहन बबीता, पत्नी सिमरन और चार साल के बेटे के साथ रहता है। वह पढ़े-लिखे नहीं हैं और तिमारपुर में एक सुलभ टॉयलेट में देखरेख का काम करते हैं।
ड्रग्स की लत और अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों से संपर्क में आने के कारण वह बचपन से ही अवैध कामों में शामिल रहा है और कई बार जेल जा चुका है। तिमारपुर पुलिस थाने ने उसे बैड कैरेक्टर (बीसी) घोषित किया है।