क्या देश में बेरोजगारी दर छह वर्षों में 2.8 प्रतिशत घटी है? : शोभा करंदलाजे

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क्या देश में बेरोजगारी दर छह वर्षों में 2.8 प्रतिशत घटी है? : शोभा करंदलाजे

सारांश

देश की बेरोजगारी दर में कमी आई है, जो पिछले छह वर्षों में 2.8 प्रतिशत घटकर 3.2 प्रतिशत हो गई है। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने दी। जानिए इस बदलाव का प्रभाव और सरकार की योजनाएं क्या हैं।

Key Takeaways

  • बेरोजगारी दर में 2.8 प्रतिशत की कमी आई है।
  • वित्त वर्ष 2023-24 में यह 3.2 प्रतिशत है।
  • सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से रोजगार सृजन के प्रयास कर रही है।
  • महिलाओं के लिए कार्य पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए नए प्रावधान जोड़े गए हैं।
  • प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना का लक्ष्य 3.5 करोड़ रोजगार सृजन करना है।

नई दिल्ली, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। देश में बेरोजगारी दर पिछले छह वर्षों में 2.8 प्रतिशत की कमी के साथ वित्त वर्ष 2023-24 में 3.2 प्रतिशत हो गई है, जबकि यह वित्त वर्ष 2017-18 में 6 प्रतिशत थी। यह जानकारी श्रम और रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने सोमवार को साझा की।

लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मासिक आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) रिपोर्टों के अनुसार, 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए वर्तमान साप्ताहिक स्थिति पर बेरोजगारी दर अगस्त 2025 में 5.1 प्रतिशत और सितंबर 2025 में 5.2 प्रतिशत थी।

इसी अवधि के दौरान, ग्रामीण बेरोजगारी दर अगस्त 2025 में 4.3 प्रतिशत और सितंबर 2025 में 4.6 प्रतिशत थी, जबकि शहरी बेरोजगारी दर अगस्त 2025 में 6.7 प्रतिशत और सितंबर 2025 में 6.8 प्रतिशत थी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रोजगार सृजन और रोजगार क्षमता में सुधार करना सरकार की प्राथमिकता है। सरकार देश भर में, विशेषकर महाराष्ट्र सहित, सभी (ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति श्रेणियों सहित) की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न रोजगार सृजन योजनाओं/कार्यक्रमों को लागू कर रही है।

इन योजनाओं में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीएस), उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना, दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम), दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई), प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई), ग्रामीण स्वरोजगार और प्रशिक्षण संस्थान (आरएसईटीआई), दीन दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाई-एनयूएलएम), पीएम स्ट्रीट वेंडर की आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि), स्टैंड-अप इंडिया स्कीम, स्टार्ट अप इंडिया और प्रधानमंत्री मुद्रा योजना शामिल हैं।

मंत्री ने आगे कहा कि सरकार ने विनिर्माण क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने के साथ, सभी क्षेत्रों में रोजगार सृजन, रोजगार क्षमता और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना नामक रोजगार-संबंधी प्रोत्साहन योजना लागू की है। इस योजना का परिव्यय 99,446 करोड़ रुपए है और इसका लक्ष्य 2 वर्षों के भीतर देश में 3.5 करोड़ से अधिक रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करना है।

इसके अतिरिक्त, महिला श्रमिकों के लिए समान अवसर और अनुकूल कार्य वातावरण सुनिश्चित करने हेतु श्रम कानूनों में कई सुरक्षात्मक प्रावधान जोड़े गए हैं। सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 में 26 सप्ताह50 या उससे अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, वहां अनिवार्य क्रेच (डे-केयर) सुविधा का प्रावधान किया गया है।

Point of View

यह कहना जरूरी है कि देश में बेरोजगारी दर में कमी एक सकारात्मक संकेत है। यह न केवल सरकार की योजनाओं की प्रभावशीलता को दर्शाता है, बल्कि रोजगार सृजन के लिए उठाए गए कदमों की दिशा में भी एक सकारात्मक संकेत है।
NationPress
07/12/2025

Frequently Asked Questions

बेरोजगारी दर में कमी का क्या कारण है?
सरकार द्वारा रोजगार सृजन योजनाओं और कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन के कारण बेरोजगारी दर में कमी आई है।
कौन-कौन सी योजनाएं बेरोजगारी दूर करने के लिए लागू की गई हैं?
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, स्टैंड-अप इंडिया स्कीम, आदि।
क्या बेरोजगारी दर में कमी स्थायी होगी?
यह इस बात पर निर्भर करेगा कि सरकार अपनी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू कर पाती है या नहीं।
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