क्या राजनीति में धर्म होना चाहिए, लेकिन धर्म में राजनीति नहीं होनी चाहिए? : धीरेंद्र शास्त्री

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क्या राजनीति में धर्म होना चाहिए, लेकिन धर्म में राजनीति नहीं होनी चाहिए? : धीरेंद्र शास्त्री

सारांश

आध्यात्मिक गुरु धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने 'हिंदू एकता पदयात्रा' की घोषणा की। उनका कहना है कि धर्म को राजनीति में होना चाहिए, लेकिन राजनीति को धर्म में नहीं। उन्होंने सभी को यात्रा में शामिल होने का निमंत्रण दिया। जानें इस यात्रा का उद्देश्य और महत्व।

Key Takeaways

  • धीरेंद्र शास्त्री का दृष्टिकोण धर्म और राजनीति को अलग रखना है।
  • 'हिंदू एकता पदयात्रा' का उद्देश्य हिंदू एकता को बढ़ावा देना है।
  • यात्रा का मार्ग दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश होगा।
  • सभी को यात्रा में शामिल होने का निमंत्रण दिया गया है।
  • जातिवाद के विरुद्ध आवाज उठाने का प्रयास किया जा रहा है।

छतरपुर, 2 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। आध्यात्मिक गुरु धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने जानकारी दी है कि 7 नवंबर से 16 नवंबर तक एक विशेष 'हिंदू एकता पदयात्रा' आयोजित की जाएगी। उन्होंने बताया कि हमने सभी को निमंत्रण भेजा है, सिर्फ मौजूदा सरकार को ही नहीं, बल्कि राहुल गांधी और अखिलेश यादव जैसे विपक्षी नेताओं को भी।

धीरेंद्र शास्त्री ने 'हिंदू एकता पदयात्रा' के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह यात्रा 150 किलोमीटर लंबी होगी। यह 10 दिन और 9 रातों तक चलेगी और दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से होकर गुजरेगी।

उन्होंने यह भी कहा कि हिंदुओं में कोई विभाजन नहीं था, यह वर्षों के दुष्प्रचार के माध्यम से बनाया गया है। जातियां पहले भी थीं, लेकिन अब जातिवाद में वृद्धि हुई है। इसके लिए धन और योजनाएं बनाई जाती हैं और सोशल मीडिया का प्रयोग किया जाता है। हम भारत सरकार से अपील करते हैं कि यात्रा के दौरान हमारी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

आध्यात्मिक गुरु धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का कहना है कि धर्म राजनीति को चलाता है, न कि राजनीति धर्म को। राजनीति में धर्म का होना आवश्यक है, लेकिन धर्म में राजनीति का दखल नहीं होना चाहिए।

उन्होंने बताया कि हम एक अध्यात्मवादी विचारधारा का पालन करने वाले हैं। हम हनुमान जी के भक्त हैं और हमारी रामानंदाचार्य की परंपरा है। हम सिर्फ एक ही बात को लेकर चल रहे हैं - हम हिंदू हैं, हिंदुत्ववादी हैं और हिंदुस्तान हमारा है।

उन्होंने कहा कि हम इस भूमि को आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखना चाहते हैं। हम भूमि के अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं, किसी विचारधारा की नहीं। हम किसी पार्टी से जुड़ाव नहीं रखते। हम सबके हैं, क्योंकि यह भूमि सभी की है और हिंदुस्तान सबका है।

उन्होंने यह भी कहा कि हिंदुओं में विघटन के लिए एक प्रोपेगेंडा चलाया गया है। यह एक प्रायोजित योजना है, जिसमें पैसा, सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों का प्रयोग किया जाता है।

Point of View

लेकिन उन्हें अलग रखना चाहिए। यह विचारधारा एक महत्वपूर्ण संदेश देती है कि समाज में एकता और अखंडता बनाए रखने के लिए हमें अपने मूल सिद्धांतों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
NationPress
03/11/2025

Frequently Asked Questions

हिंदू एकता पदयात्रा कब हो रही है?
हिंदू एकता पदयात्रा 7 नवंबर से 16 नवंबर तक आयोजित की जाएगी।
इस यात्रा का उद्देश्य क्या है?
इस यात्रा का उद्देश्य हिंदुओं में एकता को बढ़ावा देना और समाज में विभाजन को खत्म करना है।
क्या इसमें सभी को निमंत्रण दिया गया है?
हाँ, इस यात्रा में सभी को निमंत्रण दिया गया है, जिसमें विपक्षी दलों के नेता भी शामिल हैं।
धीरेंद्र शास्त्री का धर्म और राजनीति पर क्या कहना है?
उन्होंने कहा कि धर्म राजनीति को चलाता है, राजनीति धर्म को नहीं।
इस यात्रा का मार्ग क्या होगा?
यह यात्रा दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से होकर गुजरेगी।