क्या दिल्ली ब्लास्ट खुफिया विफलता नहीं, बल्कि सफलता का उदाहरण है?: किरण बेदी
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली ब्लास्ट खुफिया तंत्र की विफलता नहीं है।
- सुरक्षा के प्रति सजगता जरूरी है।
- आतंकवाद के खिलाफ जनता की भागीदारी अहम है।
- हर घर का सर्वेक्षण आवश्यक है।
- मतदाता सूची की शुद्धता लोकतंत्र की बुनियाद है।
नई दिल्ली, १२ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के निकट हुए ब्लास्ट पर पुडुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल किरण बेदी ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह घटना किसी भी रूप में खुफिया तंत्र की विफलता नहीं है, बल्कि यह उत्तम खुफिया जानकारी और सतर्कता का परिणाम है, क्योंकि एक बड़ा नुकसान टल गया। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद के खिलाफ पुलिस प्रशासन और नागरिकों की भागीदारी अनिवार्य होनी चाहिए।
किरण बेदी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि हमारा दुश्मन सीमा पार है और वह निरंतर हमले करता रहेगा। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को कड़ा जवाब दिया था, जिससे वह बौखला गया है। अब वह इस प्रकार की आतंकी घटनाओं को अंजाम देकर भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है।
पूर्व आईपीएस अधिकारी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ यह लड़ाई केवल सुरक्षा एजेंसियों या पुलिस की नहीं, बल्कि जनता की सक्रिय भागीदारी से ही जीती जा सकती है। उन्होंने पुलिस और नागरिकों से सजग रहने की अपील की। बेदी ने कहा कि पुलिस को प्रत्येक घर का सर्वेक्षण करना चाहिए कि कहीं कोई व्यक्ति किसी मकान के कमरे को बारूद या विस्फोटक सामग्री के भंडारण के लिए तो उपयोग नहीं कर रहा।
किरण बेदी ने यह भी सुझाव दिया कि यदि भारत के गांव और मोहल्ले सतर्क रहें, तो किसी भी आतंकवादी साजिश को समय पर विफल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि लोग संदिग्ध गतिविधियों पर ध्यान दें और तुरंत पुलिस को सूचना दें।
इसके अलावा, उन्होंने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) मुद्दे पर भी अपने विचार साझा किए। सर्वोच्च न्यायालय के हालिया निर्णय का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि स्वच्छ और पारदर्शी मतदाता सूची तैयार करने के लिए एसआईआर का संचालन अति महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “सर्वोच्च न्यायालय ने एसआईआर को मंजूरी दी है और यह एक स्पष्ट और दूरगामी निर्णय है। मतदाता सूची की शुद्धता लोकतंत्र की बुनियाद है, इसलिए एसआईआर का संचालन पूरे देश में ईमानदारी से किया जाना चाहिए।”