क्या दिल्ली हाईकोर्ट ने किशोरों की गिरफ्तारी पर राजस्थान पुलिस को फटकार लगाई?

सारांश
Key Takeaways
- राजस्थान पुलिस की गिरफ्तारी पर दिल्ली हाईकोर्ट की कड़ी फटकार।
- कानूनी प्रक्रिया का पालन न करना गंभीर मुद्दा है।
- अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है।
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान पुलिस द्वारा बिना स्थानीय पुलिस को सूचित किए जनकपुरी, दिल्ली से गिरफ्तार किए गए दो किशोरों का मामला गहराता जा रहा है। इस संदर्भ में दिल्ली हाई कोर्ट ने राजस्थान पुलिस को निर्देश दिया है कि वे दिल्ली से गिरफ्तार किए गए 15 और 17 साल के नाबालिगों के संबंध में नई स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार, राजस्थान पुलिस को यह भी स्पष्ट करना होगा कि उसने अपने अधिकारियों के खिलाफ क्या विभागीय कार्रवाई की है। वहीं, राजस्थान पुलिस ने कोर्ट को बताया कि इंटरस्टेट गाइडलाइंस का उल्लंघन करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए अजमेर के पुलिस सुपरिटेंडेंट ने कोर्ट को सूचित किया कि पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच प्रारंभ कर दी गई है और रिपोर्ट 8 अक्टूबर तक पेश की जाएगी। अधिकारी ने आश्वासन दिया कि मामले को संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ निपटाया जाएगा।
पुलिस ने कोर्ट को बताया कि दोनों लड़कों को 30 सितंबर को कोर्ट के सामने प्रस्तुत किया गया और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। हालांकि, पुलिस ने दावा किया कि दोनों लड़के नाबालिग नहीं हैं। अजमेर के जेएलएन हॉस्पिटल के मेडिकल बोर्ड के अनुसार, दोनों आरोपी 19 साल के हैं।
यह जानकारी दी जाती है कि दिल्ली हाई कोर्ट ने राजस्थान पुलिस को इस गिरफ्तारी के लिए कड़ी फटकार लगाई थी। कोर्ट की नाराजगी इस बात को लेकर थी कि राजस्थान पुलिस ने इन दो नाबालिगों पर उनके माता-पिता और दिल्ली पुलिस को सूचित किए बिना क्यों एक्शन लिया।