क्या दिल्ली में ‘छठ पूजा 2025’ की तैयारी पूरी है? एलजी वीके सक्सेना और मंत्री कपिल मिश्रा ने वासुदेव घाट का किया निरीक्षण
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली में 1300 से अधिक घाटों पर छठ पूजा का आयोजन।
- सुरक्षा, सफाई और लाइटिंग की विशेष व्यवस्था।
- उपराज्यपाल और मंत्री ने किया घाटों का निरीक्षण।
- श्रद्धालुओं को स्वच्छ और सुरक्षित अनुभव देने का लक्ष्य।
- पहली बार यमुना किनारे पूजा का संकल्प पूरा होगा।
नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। 'छठ पूजा 2025' की तैयारियों को लेकर दिल्ली सरकार ने पूरी ताकत लगा दी है। इस वर्ष राजधानी में 1300 से अधिक घाटों पर भव्य और ऐतिहासिक आयोजन होने जा रहा है। इसी सिलसिले में उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और कला, संस्कृति एवं भाषा मंत्री कपिल मिश्रा ने गुरुवार को वासुदेव घाट का संयुक्त निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान, दोनों नेताओं ने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि सफाई, लाइटिंग, सुरक्षा और यातायात प्रबंधन की सभी व्यवस्थाएं समय पर पूरी कर ली जाएं ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। इस मौके पर दिल्ली सरकार, नगर निगम और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
निरीक्षण के बाद, मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा, “दिल्ली में इस वर्ष छठ पूजा का आयोजन अब तक का सबसे व्यापक और भव्य आयोजन होने जा रहा है। हमारा उद्देश्य है कि श्रद्धालुओं को स्वच्छ, सुरक्षित और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध अनुभव मिले।”
उन्होंने कहा कि यह सरकार कहने वाली नहीं, बल्कि करने वाली सरकार है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार की यह पहली छठ पूजा है और पहली बार यमुना किनारे पूजन का संकल्प पूरा होने जा रहा है। यह दिल्ली के लिए गर्व का क्षण है कि श्रद्धालु पारंपरिक तरीके से यमुना तट पर पूजा-अर्चना कर सकेंगे।
कपिल मिश्रा ने आगे कहा कि पिछली सरकार ने जानबूझकर छठ पूजा पर रोक लगाई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने पूर्वांचल के लोगों का अपमान किया था, लेकिन इस बार पूर्वांचलवासी गर्व और स्वाभिमान के साथ अपना पर्व मनाएंगे।
उन्होंने कहा कि पिछले छह साल से यमुना किनारे छठ पूजा पर बैन लगा हुआ था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। अब दिल्ली की सरकार हर श्रद्धालु के साथ खड़ी है और उनके आस्था पर्व को सम्मान देने के लिए प्रतिबद्ध है।
गौरतलब है कि इस वर्ष दिल्ली सरकार ने यमुना तट सहित 1300 से अधिक घाटों पर छठ पूजा के आयोजन की तैयारी की है। सभी स्थलों पर लाइटिंग, टेंट, सुरक्षा व्यवस्था और सफाई अभियान को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है।