क्या दिल्ली में ग्रैप-4 लागू होने के बावजूद कंस्ट्रक्शन कार्यों में शामिल अफसरों पर कार्रवाई होगी?
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं।
- निर्माण कार्यों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
- सभी नागरिकों से अपील की गई है कि वे साफ-सफाई का ध्यान रखें।
नई दिल्ली, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण ने गंभीर स्थिति उत्पन्न कर दी है। यहां की हवा में मौजूद जहरीले धुएं और धूल के कारण लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है। इस बीच, दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने राजधानी में चल रहे निर्माण कार्यों के संबंध में कड़ी चेतावनी दी है।
मंत्री सिरसा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो संदेश में जानकारी दी कि आज शाम से वेस्टर्न डिस्टरबेंस और खराब मौसम की आशंका है। ग्रैप-4 लागू होने के बावजूद निर्माण कार्यों की लगातार शिकायतें आ रही हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो लोग इस खराब मौसम में निर्माण कार्य कर रहे हैं, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, और संबंधित जेई व एक्सईएन को भी जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि दिल्ली में कोई भी पोल्यूटिंग इंडस्ट्री, चाहे वह अधिकृत क्षेत्र में हो या अनधिकृत, को चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। हमने व्यापक सर्वेक्षण किया है और कल से ऐसी इंडस्ट्री पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोगों की स्वास्थ्य के साथ कोई खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। सभी से अपील है कि दिल्ली की हवा को साफ और सुरक्षित बनाने में सहयोग करें।
सिरसा ने बताया कि हमारे आस-पास बड़े बदलाव तभी संभव हैं जब हम अपनी छोटी-छोटी आदतों में बदलाव लाएं। जैसे, कूड़ा खुले में न फैलाएं। अगर हम सार्वजनिक स्थानों पर कचरा फेंकने के बजाय कूड़ेदान का उपयोग करें, तो न केवल गंदगी कम होगी, बल्कि बीमारियों से भी बचा जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि यदि हम हमेशा कूड़ेदान का उपयोग करें और अपने आस-पास की सफाई का ध्यान रखें, तो दिल्ली को स्वच्छ और स्वस्थ बनाए रखने में हमारा योगदान होगा।
सिरसा ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण को लेकर दिल्ली सरकार द्वारा जारी नई दिशानिर्देशों के दूसरे दिन भी कड़ी कार्रवाई जारी रही। शुक्रवार को नियमों के उल्लंघन करने वाले 11,776 वाहनों के चालान किए गए।
धूल और गंदगी नियंत्रण के लिए 2,068 किमी सड़कों की मशीनों से सफाई की गई, 5,528 किमी क्षेत्र में एंटी-स्मॉग गन का उपयोग किया गया और 12,164 मीट्रिक टन से अधिक कचरा उठाया गया।