क्या दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की नवनिर्वाचित टीम को सम्मानित किया गया?

सारांश
Key Takeaways
- गुरु तेग बहादुर का 350वां शहीदी दिवस विशेष महत्व रखता है।
- दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की नवनिर्वाचित टीम को सम्मानित किया गया।
- गुरु तेग बहादुर की शहादत को संजोने के लिए कार्यक्रम आयोजित होंगे।
नई दिल्ली, 3 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। विश्व पंजाबी संगठन के अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद डॉ. विक्रमजीत सिंह साहनी ने बुधवार को दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की नवनिर्वाचित टीम को सम्मानित किया। इसके साथ ही उन्होंने गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस को और भी खास बनाने के लिए और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के स्कूलों को और बेहतर एवं कुशल बनाने हेतु विचार-विमर्श किया।
दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री सरदार मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इस बार गुरु तेग बहादुर का 350वां शहीदी दिवस एक यादगार अवसर होना चाहिए। गुरु तेग बहादुर ने देश और धर्म की रक्षा के लिए न केवल अपना, बल्कि अपने संपूर्ण परिवार का बलिदान किया था।
यह उल्लेखनीय है कि दिल्ली में ऐतिहासिक गुरुद्वारा शीशगंज साहिब और गुरुद्वारा रकाबगंज को गुरु तेग बहादुर की याद में स्थापित किया गया है और हर साल गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस पर यहां देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं। विश्व पंजाबी संगठन के अध्यक्ष डॉ. विक्रमजीत सिंह साहनी, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका और जनरल सेक्रेटरी जगदीप कहलों ने इस अवसर पर मीडिया के सामने अपने विचार व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर के 350वां शहीदी दिवस मनाने के लिए दिल्ली में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी दिल्ली सरकार और भारत सरकार दोनों के सहयोग से एक ऐतिहासिक कार्यक्रम आयोजित करेगी। उन्होंने सरकार से निवेदन किया कि दिल्ली में किसी स्थान या पार्क का नाम गुरु तेग बहादुर के नाम पर रखा जाए, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी उन्हें याद करें और उनके द्वारा दिए गए बलिदानों को सदैव स्मरण करें।
गुरु तेग बहादुर का शहीदी दिवस 24 नवंबर को मनाया जाता है। सिख धर्म के नौवें गुरु, गुरु तेग बहादुर की शहादत को याद करने के लिए यह दिन मनाया जाता है।