क्या दिल्ली पुलिस ने एक बड़े अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट का पर्दाफाश किया? 2.25 करोड़ की कोकीन बरामद, तीन गिरफ्तार

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली पुलिस ने एक बड़े अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया।
- तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें दो भारतीय और एक नाइजीरियाई शामिल हैं।
- पुलिस ने 194 ग्राम कोकीन बरामद की, जिसकी कीमत ₹2.25 करोड़ है।
- अपराधियों का नेटवर्क दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय था।
- जांच अभी जारी है और पुलिस सख्त कार्रवाई कर रही है।
नई दिल्ली, 12 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। क्राइम ब्रांच की नशीले पदार्थ रोधी इकाई ने एक बड़े अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट का भंडाफोड़ करते हुए तीन तस्करों को गिरफ्तार किया है। इनमें से दो भारतीय और एक नाइजीरियाई नागरिक शामिल हैं। पुलिस ने इनसे कुल 194 ग्राम कोकीन बरामद की है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनुमानित कीमत लगभग ₹2.25 करोड़ है।
जानकारी के अनुसार, 6 सितंबर को क्राइम ब्रांच की एनडीआर यूनिट को विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी मिली कि रोहिणी सेक्टर-36 क्षेत्र में दो व्यक्ति कोकीन की डिलीवरी करने वाले हैं। इस सूचना के आधार पर एसीपी उमेश बर्थवाल के नेतृत्व में टीम ने जाल बिछाया। दोपहर लगभग 3 बजे एक होंडा सिटी कार मौके पर रुकी, जिसका ड्राइवर राहुल वाधवा (32) था। थोड़ी ही देर बाद, एक पैदल व्यक्ति अब्दुल कादिर (29) उससे मिला और एक पैकेट सौंपा। पुलिस ने तुरंत दोनों को पकड़ लिया।
तलाशी में कादिर से 54 ग्राम और राहुल से 31 ग्राम कोकीन बरामद हुई। मौके पर एनडीपीएस एक्ट की धाराओं 21/25/29 के तहत मामला दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में पता चला कि कोकीन उन्हें नाइजीरियाई नागरिक चिमेजी लाजरूस इंडेडिंगे उर्फ जूडो (35) उपलब्ध कराता है, जो महरौली क्षेत्र में रहता है। यह पूरा नेटवर्क दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय था।
इसके अलावा, 10 सितंबर को पुलिस ने महरौली स्थित रेशम अपार्टमेंट गली में छापेमारी कर चिमेजी लाजरूस को गिरफ्तार किया। उसकी तलाशी में 109 ग्राम कोकीन और बरामद हुई।
तीनों आरोपियों से कुल 194 ग्राम कोकीन (अनुमानित कीमत 2.25 करोड़ रुपए) बरामद की गई। जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी जूडो जनवरी 2023 में इलाज के लिए भारत आया था, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते उसने ड्रग्स का कारोबार शुरू कर दिया। वह दिल्ली, गुरुग्राम, द्वारका, मेरठ, चंडीगढ़ और हल्द्वानी तक कोकीन की सप्लाई कर रहा था।
आरोपी अब्दुल कादिर (29) महरौली का निवासी है, जो पहले टैक्सी ड्राइवर के रूप में काम करता था। उसे जूडो ने प्रति डिलीवरी एक हजार रुपए का लालच देकर तस्करी के धंधे में शामिल किया। दूसरा आरोपी, राहुल वाधवा (32) रोहिणी का निवासी है, जो भी टैक्सी चलाता था और कादिर के माध्यम से इस नेटवर्क से जुड़ गया। वहीं, तीसरा मुख्य आरोपी चिमेजी लाजरूस (35) नाइजीरियाई नागरिक है, जो इस तस्करी नेटवर्क का सरगना है। पुलिस के अनुसार, अब तक इन तीनों की कोई आपराधिक पृष्ठभूमि सामने नहीं आई है, लेकिन मामले की गहन जांच अभी जारी है।