क्या चंपई सोरेन ने 'दिशोम गुरु' को किया याद? ओडिशा के सीएम माझी ने दी श्रद्धांजलि

सारांश
Key Takeaways
- शिबू सोरेन का जीवन और संघर्ष आदिवासी अधिकारों के लिए प्रेरणादायक था।
- उनके योगदान को आने वाली पीढ़ियों द्वारा याद रखा जाएगा।
- राजनीतिक जगत में उनकी कमी महसूस की जाएगी।
- चंपई सोरेन ने उनके आदर्शों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।
- ओडिशा और तमिलनाडु के सीएम ने श्रद्धांजलि दी।
रांची, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन से राजनीतिक क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता चंपई सोरेन ने उनके साथ बिताए क्षणों को याद करते हुए इसे समाज के एक महत्वपूर्ण युग का अंत बताया।
चंपई सोरेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन की दुखद सूचना से मैं शोकाकुल हूं। मरांग बुरु दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें। यह एक युग का अंत है। झारखंड आंदोलन के दौरान पहाड़ों, जंगलों और दूरदराज के गाँवों से लेकर विधानसभा तक, आपके साथ बिताए पल याद आ रहे हैं।"
उन्होंने शिबू सोरेन के समाज के प्रति योगदान को याद करते हुए लिखा, "गुरु जी, महाजनी प्रथा और नशे के खिलाफ आदिवासियों, मूलवासियों और शोषित-पीड़ित जनता के संघर्ष को जिस प्रकार आपने दिशा दी, उसे आने वाली पीढ़ियाँ सदैव याद रखेंगी। आप हमेशा हमारे दिल में रहेंगे। आपके आदर्श और विचार सदैव हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे। झारखंड की आम जनता के हितों के लिए जो संघर्ष आपने प्रारंभ किया था, वह जीवनभर जारी रहेगा।"
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने शिबू सोरेन के निधन पर दुख जाहिर करते हुए 'एक्स' पर लिखा, "झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन जी के निधन से मैं अत्यंत दुःखी हूं। महाप्रभु जगन्नाथ उनकी दिवंगत आत्मा को शांति और शोक संतप्त परिवार को ताकत प्रदान करें।"
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने लिखा, "जेएमएम के संस्थापक संरक्षक, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और स्वतंत्र भारत के सबसे प्रभावशाली आदिवासी नेताओं में से एक, आदरणीय थिरु शिबू सोरेन के निधन से मैं अत्यंत दुःखी हूं। शिबू सोरेन का जीवन शोषण का प्रतिरोध और सामाजिक न्याय के प्रति अटूट प्रतिबद्धता से परिभाषित था। झारखंड राज्य आंदोलन के प्रमुख निर्माताओं में से एक के रूप में, उन्होंने दशकों से चले आ रहे आदिवासी संघर्ष को एक राजनीतिक शक्ति में बदल दिया। हेमंत सोरेन और झारखंड के लोगों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं हैं, जो एक महान नेता और योद्धा के निधन का शोक मना रहे हैं।"
यह उल्लेखनीय है कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के संस्थापक शिबू सोरेन का सोमवार (4 अगस्त) को दिल्ली स्थित सर गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन से राजनीतिक क्षेत्र शोक में डूब गया है। पक्ष-विपक्ष के अनेक नेता समाज के प्रति उनके योगदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि दे रहे हैं।