क्या महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शतरंज विश्व कप विजेता दिव्या देशमुख को 3 करोड़ का नकद पुरस्कार दिया?

सारांश
Key Takeaways
- दिव्या देशमुख ने 'फिडे महिला विश्व कप' जीतकर नया कीर्तिमान स्थापित किया।
- उन्हें 3 करोड़ का नकद पुरस्कार मिला है।
- यह उनकी शारीरिक और भावनात्मक सहनशक्ति का परिणाम है।
- दिव्या ने कोनेरू हम्पी को हराकर यह खिताब जीता।
- दिव्या का यह विजय महिलाओं के लिए प्रेरणा है।
नागपुर, 2 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को नागपुर में 'नागरी सम्मान सोहाला' समारोह के दौरान 'फिडे महिला विश्व कप' जीतने वाली पहली भारतीय महिला दिव्या देशमुख को 3 करोड़ रुपए का नकद पुरस्कार प्रदान किया।
इस अवसर पर महाराष्ट्र के खेल मंत्री माणिकराव शिवाजीराव कोकाटे भी उपस्थित थे। दिव्या ने इस सम्मान के लिए मुख्यमंत्री फडणवीस और नागपुर के निवासियों का आभार व्यक्त किया।
19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने पिछले सप्ताह बटुमी में ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी को टाईब्रेक में 1.5-0.5 से हराकर न केवल खिताब जीता, बल्कि शतरंज के इतिहास में अपना नाम भी दर्ज कराया। वह महिला विश्व खिताब जीतने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बन गईं।
इसके साथ ही, वह शतरंज के सर्वोच्च खिताब, ग्रैंडमास्टर (जीएम) जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी भी बनीं।
दिव्या ने अपनी जीत के साथ ही दूसरे और तीसरे स्थान पर रहने वाली ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी और पूर्व महिला विश्व चैंपियन टैन झोंगयी के साथ 2026 कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए भी क्वालीफाई किया।
इससे पहले, केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने भी शुक्रवार को नई दिल्ली में दिव्या देशमुख और कोनेरू हम्पी को सम्मानित किया था। कोनेरू हम्पी भी इस समारोह में वर्चुअल तरीके से शामिल हुई थीं।
राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए दिव्या ने कहा, "मुझे लगता है कि यह टूर्नामेंट लचीलेपन का सबसे बड़ा परीक्षण रहा है। यह एक लंबा आयोजन था, इसलिए निश्चित रूप से यह मेरे लिए शारीरिक और भावनात्मक सहनशक्ति की परीक्षा थी। मैंने महत्वपूर्ण क्षणों में अपनी घबराहट को संभालना सीखा।"
बटुमी में 5-28 जुलाई तक आयोजित फिडे महिला विश्व कप 2025 में 19 वर्षीय दिव्या और अनुभवी ग्रैंडमास्टर कोनेरू के बीच एक ऐतिहासिक अखिल भारतीय फाइनल हुआ। यह पहली बार था, जब दो भारतीय महिलाएं फाइनल में पहुंचीं।