क्या हैदराबाद में आवारा कुत्तों के हमले में दिव्यांग बच्चे की हालत गंभीर है?
सारांश
Key Takeaways
- आवारा कुत्तों का हमला एक गंभीर समस्या है।
- मुख्यमंत्री ने त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
- स्थानीय लोगों में आक्रोश है।
- बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
- भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है।
हैदराबाद, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हैदराबाद में आवारा कुत्तों के समूह द्वारा एक सात वर्षीय दिव्यांग बच्चे पर हमले की घटना के पश्चात तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने बुधवार को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।
मंगलवार को हयातनगर स्थित शिवगंगा कॉलोनी में प्रेमचंद नामक बच्चे पर आवारा कुत्तों ने हमला किया। यह बच्चा बोल नहीं सकता था, जिससे वह मदद के लिए पुकार भी नहीं सका। काफी समय तक कोई उसकी सहायता के लिए नहीं आया, लेकिन एक राहगीर ने कुत्तों के चंगुल से उसे छुड़ाकर उसकी जान बचाई।
हमले में बच्चे के शरीर के कई हिस्सों पर गंभीर चोटें आई हैं और कुत्तों ने उसके एक कान का हिस्सा भी काट लिया। बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां डॉक्टर उसकी सर्जरी की तैयारी कर रहे हैं।
घटना की जानकारी मिलने के बाद मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी भावुक हो गए और उन्होंने मुख्य सचिव तथा सीएमओ अधिकारियों से बात कर बच्चे के बेहतर चिकित्सा की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने बच्चे के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।
सीएम ने ग्रेटर हैदराबाद म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन के कमिश्नर को तुरंत अस्पताल जाकर बच्चे और उसके परिवार का हाल जानने तथा सरकार की तरफ से हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए कहा। साथ ही उन्होंने शहर में आवारा कुत्तों की समस्या पर कठोर कदम उठाने के आदेश दिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं पुनः न हों।
बच्चे के माता-पिता मूल रूप से आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले के निवासी हैं और पिछले तीन वर्षों से इस क्षेत्र में किराए पर रह रहे हैं। बच्चे का पिता मजदूरी करता है।
घटना के बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। क्षेत्र के पार्षद कोप्पुला नरसिम्हा रेड्डी ने ग्रेटर हैदराबाद म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि कुत्तों की संख्या और कूड़े की समस्या पर समय पर कार्रवाई नहीं होने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई।