क्या दिव्यांका त्रिपाठी ने कारगिल विजय दिवस पर बचपन का सपना साझा किया?

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क्या दिव्यांका त्रिपाठी ने कारगिल विजय दिवस पर बचपन का सपना साझा किया?

सारांश

टीवी की लोकप्रिय अभिनेत्री दिव्यांका त्रिपाठी ने कारगिल विजय दिवस पर अपने बचपन के सपने का खुलासा किया। नासिक के आर्मी ट्रेनिंग स्कूल में उनकी यात्रा के अनुभव को जानें और कैसे उन्होंने सैनिकों के जीवन की असली तस्वीर देखी।

Key Takeaways

  • दिव्यांका त्रिपाठी का आर्मी ट्रेनिंग स्कूल दौरा
  • बचपन का सपना: सेना की वर्दी
  • सैनिकों की सेवा का महत्व
  • कारगिल विजय दिवस की कहानी
  • देशभक्ति और गर्व

मुंबई, 26 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। टीवी अभिनेत्री दिव्यांका त्रिपाठी और उनके पति तथा अभिनेता विवेक दहिया ने हाल ही में नासिक के 'कॉम्बैट आर्मी एविएशन ट्रेनिंग स्कूल' का दौरा किया। यहां उन्होंने आर्मी ऑफिसर कर्नल जसकर चौधरी से मुलाकात की और सैनिकों के जीवन के बारे में गहन जानकारी हासिल की। इस अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी डाली, जिसमें उन्होंने बताया कि बचपन में उनका सपना था कि वह सेना में शामिल हों।

कारगिल विजय दिवस के अवसर पर दिव्यांका त्रिपाठी ने अपनी इंस्टाग्राम पर कुछ तस्वीरें साझा कीं, जो उनके आर्मी ट्रेनिंग स्कूल के दौरे की थीं। उन्होंने लिखा कि हमारे सैनिक हमें यह याद दिलाते हैं कि सच्ची सेवा का अर्थ क्या होता है।

दिव्यांका ने अपनी पोस्ट में कहा, "हमारी नासिक के कॉम्बैट आर्मी एविएशन ट्रेनिंग स्कूल की यात्रा बहुत खास रही। यह ऐसी जगह है जहां बहादुरी केवल शब्दों में नहीं, बल्कि व्यवहार में भी सिखाई जाती है। हमारे मित्र और आर्मी ऑफिसर कर्नल जसकर चौधरी के साथ बातचीत में हमने जाना कि देश की सेवा करने के लिए कितनी हिम्मत और शक्ति की आवश्यकता होती है। हम इससे बेहद प्रभावित हुए।"

उन्होंने आगे कहा, "ये सैनिक अपने जज्बे और जुनून के दम पर आगे बढ़ते हैं और देश के लिए अपनी आरामदायक जिंदगी तक छोड़ देते हैं। ये हमें दिखाते हैं कि असली सेवा क्या होती है।"

दिव्यांका ने बताया कि उन्होंने हमेशा सेना की वर्दी पहनने का सपना देखा था।

दिव्यांका ने लिखा, "मेरा हमेशा से सपना था कि मैं सेना की वर्दी पहनूं... जो असल जीवन में पूरा नहीं हुआ, लेकिन शायद एक दिन मैं इसे किसी किरदार के माध्यम से पर्दे पर जी सकूं। लेकिन आज, मैंने यह सपना उनके किस्सों के जरिए महसूस किया। यह उस चीज की याद है जो मैंने कभी पाई नहीं, लेकिन एक ऐसा गर्व है जो हमेशा मेरे साथ रहेगा।"

पोस्ट के अंत में दिव्यांका ने कहा, "आइए हम ऐसे नागरिक बनने की कोशिश करें जो हमारे सैनिकों की कुर्बानियों के लायक हों। जिन्होंने सब कुछ देश के लिए दे दिया, हम उन्हें याद करते हैं और उन्हें सलाम करते हैं। जय हिंद।"

कारगिल विजय दिवस हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है। यह दिन 1999 में कारगिल युद्ध में भारत की पाकिस्तान पर हुई जीत को याद करने का दिन है। इस युद्ध में भारतीय सेना ने लद्दाख के नॉर्दर्न कारगिल क्षेत्र की पहाड़ियों पर पाकिस्तान के कब्जे वाली जगहों से दुश्मन फौजों को बाहर निकाला था।

Point of View

बल्कि सभी भारतीय नागरिकों के लिए एक प्रेरणा है। यह हमें याद दिलाता है कि हमारे सैनिकों की सेवा और बलिदान का महत्व क्या है। हमें अपने देश के प्रति गर्व होना चाहिए और उनके प्रयासों को हमेशा याद रखना चाहिए।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

दिव्यांका त्रिपाठी ने सेना में शामिल होने का सपना क्यों देखा?
दिव्यांका ने हमेशा से अपने देश की सेवा करने की इच्छा रखी थी, जो उनके जज्बे और आत्म-समर्पण को दर्शाता है।
कारगिल विजय दिवस कब मनाया जाता है?
कारगिल विजय दिवस हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है।
दिव्यांका ने अपने अनुभव को कैसे साझा किया?
उन्होंने अपने अनुभव को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से साझा किया।