क्या दीपावली का होमवर्क न करने पर टीचर ने छात्रा को पीटा?
सारांश
Key Takeaways
- शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान देना नहीं, बल्कि बच्चों को सही और गलत का ज्ञान देना भी है।
- बच्चों की सुरक्षा सभी का दायित्व है।
- किसी भी शिक्षक को बच्चों के प्रति बर्बरता नहीं करनी चाहिए।
- पुलिस की भूमिका ऐसे मामलों में महत्वपूर्ण होती है।
- परिवार को अपने बच्चों के अधिकारों के लिए खड़ा होना चाहिए।
मुंबई, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मुंबई के घाटकोपर क्षेत्र से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहाँ एक 13 वर्षीय छात्रा को उसकी ट्यूशन टीचर ने दीपावली की छुट्टियों का होमवर्क पूरा न करने पर कथित तौर पर डंडे से पीट दिया। इस घटना के बाद मुंबई पुलिस ने शिक्षिका लक्ष्मी खड़का के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
पुलिस के अनुसार, आरोपी शिक्षिका के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और किशोर न्याय अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। शिक्षिका को जल्द ही पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।
शिकायत के मुताबिक, छात्रा घाटकोपर में अपने परिवार के साथ रहती है। उसके पिता एक ट्रांसपोर्ट व्यवसायी हैं और परिवार में उसकी माता और तीन बच्चे हैं। उनकी 13 वर्षीय बेटी एक निजी स्कूल में कक्षा 8 में पढ़ाई करती है और नियमित रूप से एक प्राइवेट ट्यूशन क्लास में जाती है।
मामला तब सामने आया जब बच्ची ट्यूशन से रोते हुए घर आई। माता-पिता ने जब कारण पूछा, तो उसने बताया कि शिक्षिका लक्ष्मी खड़का ने दीपावली की छुट्टियों में होमवर्क दिया था, जिसे उसने पूरा नहीं किया। इस पर गुस्से में आकर शिक्षिका ने उसे छड़ी से बुरी तरह पीटा, जिससे उसके दोनों हाथों पर चोट और लाल निशान थे।
परिवार का कहना है कि जब बच्ची के पिता ने शिक्षिका से बात की और शिकायत की, तो उसने इसे हल्के में लिया और कथित तौर पर टालमटोल भरे जवाब दिए। इतना ही नहीं, शिक्षिका ने यह भी कहा कि अगर छात्रा ने फिर से होमवर्क पूरा नहीं किया, तो उसे हर दिन ऐसी ही सजा दी जाएगी।
परिवार ने जब शिक्षिका को समझाने की कोशिश की, तो वह कथित तौर पर बहस पर उतर आई। इसके बाद गुस्साए पिता ने घाटकोपर पुलिस स्टेशन जाकर शिक्षिका के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।