क्या विधानसभा चुनाव से पहले पूरा होगा दूसरे चरण का काम? स्टालिन सरकार ने 'कलैग्नार कनवु इल्लम' आवास योजना की रफ्तार तेज की है

Click to start listening
क्या विधानसभा चुनाव से पहले पूरा होगा दूसरे चरण का काम? स्टालिन सरकार ने 'कलैग्नार कनवु इल्लम' आवास योजना की रफ्तार तेज की है

सारांश

डीएमके सरकार ने विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही कलैग्नार कनवु इल्लम आवास योजना के दूसरे चरण को तेज गति से पूरा करने का संकल्प लिया है। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण तमिलनाडु में पक्के घरों का निर्माण करना है। जानिए इस योजना की विशेषताएं और इसके पीछे का उद्देश्य।

Key Takeaways

  • कलैग्नार कनवु इल्लम योजना का उद्देश्य पक्के घरों का निर्माण करना है।
  • यह योजना 3,500 करोड़ रुपये की लागत से चल रही है।
  • इस योजना के तहत 25,657 परिवार पहले से ही नए घरों में रह रहे हैं।
  • सरकार ने परिवारों को चार किस्तों में धनराशि का वितरण किया है।
  • दूसरा चरण फरवरी में पूरा होगा।

चेन्नई, 21 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। आगामी 2026 में राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और चुनावों में जनता का समर्थन हासिल करने के लिए डीएमके सरकार ने कलैग्नार कनवु इल्लम आवास योजना की प्रगति को तेज कर दिया है।

अब योजना के दूसरे चरण को पूरा करने के लिए तीव्र गति से कार्य किया जा रहा है। यह योजना 3,500 करोड़ रुपये की है, जिसका उद्देश्य पूरे ग्रामीण तमिलनाडु में झोपड़ियों के स्थान पर पक्के घरों का निर्माण करना है।

कलैग्नार कनवु इल्लम आवास योजना के बारे में जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुँच चुका है, जिसमें 25,657 परिवार पहले ही नए बने घरों में निवास करने लगे हैं और 74,343 अन्य यूनिट्स भी शीघ्र ही पूर्ण होने वाली हैं। सरकार ने वादा किया था कि फरवरी के पहले सप्ताह तक सभी को घर मुहैया कराया जाएगा, और यह वादा जल्द ही पूरा किया जाएगा।

पंचायत राज और ग्रामीण विकास विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि करते हुए कहा कि "दूसरा चरण फरवरी की शुरुआत तक पूरी तरह से पूरा होगा। चीफ सेक्रेटरी एन. मुरुगानंदन और प्रिंसिपल सेक्रेटरी गगनदीप सिंह बेदी हर सप्ताह रिव्यू कर रहे हैं। घर बनाने की प्रक्रिया की बारीकी से निगरानी की जा रही है।

यह ध्यान देने योग्य है कि तमिलनाडु सरकार ने मार्च 2024 में कलैग्नार कनवु इल्लम आवास योजना 2030 की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य राज्य में निवास कर रहे सभी ग्रामीण और गरीब लोगों को पक्का घर प्रदान करना है। राज्य सरकार ने 'झोपड़ी-मुक्त तमिलनाडु' का स्लोगन भी प्रस्तुत किया था। एक सर्वे में पूरे राज्य में लगभग आठ लाख झोपड़ियों का पता चला था, जिससे आवास की कमी का संकेत मिला। इस स्थिति को सुधारने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है।

इस योजना की विशेषता यह है कि घर बनाने का कार्य सरकार ने किसी कंपनी को नहीं सौंपा है, बल्कि चयनित गरीब परिवार स्वयं अपने घरों का निर्माण कराते हैं। सरकार द्वारा चुने गए परिवारों के खातों में चार किस्तों में सीधे पैसे भेजे जाते हैं और समय-समय पर कार्य की गुणवत्ता की भी जांच होती है। अब तक हर परिवार को 3.5 लाख रुपये की सहायता प्राप्त हो चुकी है।

अधिकारियों ने बताया कि इस प्रक्रिया ने देरी की संभावना को कम किया है और लाभार्थियों को गुणवत्ता और समय पर अधिक नियंत्रण मिला है। इस योजना की उच्च मांग है, विशेषकर उत्तरी जिलों जैसे तिरुवन्नामलाई, कुड्डालोर और विलुप्पुरम में, जहाँ झोपड़ियों की संख्या बहुत अधिक है।

Point of View

तमिलनाडु सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में आवास की कमी को दूर करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह न केवल आवास उपलब्धता को बढ़ाता है, बल्कि आर्थिक सहायता के माध्यम से गरीब परिवारों को सशक्त भी करता है।
NationPress
21/12/2025

Frequently Asked Questions

कलैग्नार कनवु इल्लम आवास योजना का उद्देश्य क्या है?
इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण तमिलनाडु में झोपड़ियों के स्थान पर पक्के घरों का निर्माण करना है।
इस योजना में कितने परिवारों को लाभ मिला है?
अब तक 25,657 परिवारों को नए घरों में रहने का मौका मिला है।
सरकार ने इस योजना के लिए कितनी राशि आवंटित की है?
3,500 करोड़ रुपये की राशि इस योजना के लिए आवंटित की गई है।
क्या सरकार द्वारा परिवारों को सीधे सहायता दी जाती है?
हाँ, चयनित परिवारों के खातों में चार किस्तों में पैसे सीधे भेजे जाते हैं।
इस योजना का अगला चरण कब पूरा होगा?
दूसरा चरण फरवरी की शुरुआत तक पूरा होने की संभावना है।
Nation Press