क्या डाउन सिंड्रोम से पीड़ित महिलाओं में अल्जाइमर का खतरा अधिक है?

सारांश
Key Takeaways
- महिलाओं में अल्जाइमर के लक्षण तेजी से विकसित होते हैं।
- बीटा ऐमिलॉइड और टाउ प्रोटीन का स्तर महिलाओं में अधिक होता है।
- अल्जाइमर का इलाज समय पर पहचान से बेहतर हो सकता है।
- यह अध्ययन अल्जाइमर के उपचार में नई दिशा प्रदान कर सकता है।
- डाउन सिंड्रोम वाले व्यक्तियों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी।
नई दिल्ली, 13 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। डाउन सिंड्रोम से प्रभावित व्यक्तियों में अल्जाइमर रोग की गंभीरता बढ़ती जा रही है। एक नए अध्ययन में यह पाया गया कि डाउन सिंड्रोम वाली महिलाओं में अल्जाइमर के लक्षण पुरुषों की तुलना में जल्दी और अधिक गंभीरता से प्रकट होते हैं।
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, इर्विन के शोधकर्ताओं ने बताया कि डाउन सिंड्रोम की पहचान की औसत आयु महिलाओं और पुरुषों के लिए समान होती है, लेकिन महिलाओं के मस्तिष्क में अल्जाइमर से जुड़े दो प्रमुख प्रोटीन, बीटा ऐमिलॉइड और फॉस्फोराइलेटेड टाउ, पुरुषों की तुलना में अधिक मात्रा में पाए गए हैं।
ये प्रोटीन विशेष रूप से मस्तिष्क के पीछे के हिस्से ओसीसीपिटल लोब में अधिक पाए जाते हैं। शोध के अनुसार, महिलाओं के मस्तिष्क में इन हानिकारक प्रोटीनों की अधिकता के कारण अल्जाइमर के लक्षण अधिक तेजी से और गंभीरता से विकसित होते हैं। यह अध्ययन स्पोरेडिक अल्जाइमर पर आधारित है, जो मुख्यतः उम्र बढ़ने के कारण उत्पन्न होता है।
अध्ययन की प्रमुख लेखिका एलिजाबेथ एंड्रयूज ने कहा, "यदि हम समझ पाते हैं कि मस्तिष्क के कौन से हिस्से अधिक कमजोर होते हैं और यह पुरुषों और महिलाओं में कैसे भिन्न होते हैं, तो इलाज के परिणाम बेहतर हो सकते हैं।"
डाउन सिंड्रोम वाले लोगों की मृत्यु का सबसे बड़ा कारण अल्जाइमर रोग होता है, क्योंकि उनके जीन में ऐसा परिवर्तन होता है, जिससे उन्हें यह रोग सामान्य लोगों की तुलना में जल्दी हो जाता है।
कुछ पूर्व अध्ययनों में देखा गया था कि डाउन सिंड्रोम वाली महिलाएं, पुरुषों की तुलना में, डिमेंशिया के साथ अधिक समय तक जीवित रह सकती हैं। लेकिन उनके मस्तिष्क में रोग के परिवर्तनों का गहराई से अध्ययन अब तक कम हुआ है।
इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने पोस्टमार्टम में मस्तिष्क के नमूनों का विश्लेषण किया और बीटा ऐमिलॉइड और टाउ प्रोटीन के स्तर मापे।
इस शोध के निष्कर्ष मेडिकल जर्नल अल्जाइमर और डिमेंशिया पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं। यह जानकारी न केवल डाउन सिंड्रोम वाले लोगों के लिए, बल्कि व्यापक अल्जाइमर प्रभावित जनसंख्या के लिए भी उपचार की रणनीतियों को बेहतर बनाने में सहायक सिद्ध हो सकती है।
यूसी इरविन की पैथोलॉजी की प्रोफेसर एलिजाबेथ हेड ने कहा, "यदि महिलाओं में रोग की पहचान तब होती है जब यह पहले से ही अधिक बढ़ चुकी होती है, तो इससे इलाज शुरू करने का सही समय और क्लिनिकल ट्रायल के परिणामों पर असर पड़ सकता है।"
हेड ने कहा, "महिलाओं और पुरुषों में अल्जाइमर के कारणों और प्रभावों को समझना इलाज और दवा परीक्षण के तरीकों को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे अल्जाइमर के इलाज को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है।"