क्या स्वदेशी मौसम प्रणालियों से 'आत्मनिर्भर भारत' को बढ़ावा मिलेगा?: डॉ. जितेंद्र सिंह

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क्या स्वदेशी मौसम प्रणालियों से 'आत्मनिर्भर भारत' को बढ़ावा मिलेगा?: डॉ. जितेंद्र सिंह

सारांश

डॉ. जितेंद्र सिंह ने IMD का दौरा किया और स्वदेशी मौसम प्रणालियों की प्रशंसा की। उनका कहना है कि ये प्रणालियां आपदा प्रबंधन में सहायक हैं। जानें, कैसे ये प्रणालियां भारत को आत्मनिर्भर बना सकती हैं।

Key Takeaways

  • स्वदेशी मौसम प्रणालियों का महत्व और उनके लाभ।
  • मौसमग्राम का अनूठा प्लेटफॉर्म और इसकी कार्यप्रणाली।
  • आधुनिक तकनीक का उपयोग, जैसे AI
  • आपदा प्रबंधन में सुधार के लिए कदम।
  • आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रयास।

नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने रविवार को भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) का दौरा किया और स्वदेशी रूप से विकसित मौसम पूर्वानुमान प्रणालियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि ये प्रणालियां आपदा तैयारियों और सार्वजनिक सुरक्षा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण हैं, साथ ही ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल को भी बल देती हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने आईएमडी की ओर से विकसित वेब-जीआईएस आधारित बहु-खतरा पूर्व चेतावनी निर्णय सहायता प्रणाली (डीएसएस) की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इसने विदेशी वेंडरों पर निर्भरता समाप्त करके और वार्षिक रखरखाव लागत में 5.5 करोड़ रुपए की बचत करके लगभग 250 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत बचत करने में मदद की है। यह उपलब्धि आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है।

इसके बाद राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने ‘मौसमग्राम’ प्लेटफॉर्म की भी समीक्षा की। यह एक अनूठा, नागरिक-केंद्रित मंच है जो गांव स्तर तक अति-स्थानीय, स्थान-विशिष्ट मौसम पूर्वानुमान प्रदान करता है। यह प्रणाली अगले 36 घंटों के लिए प्रति घंटा और अधिकतम दस दिनों तक का सटीक पूर्वानुमान उपलब्ध कराती है।

उन्होंने कहा कि ‘मौसमग्राम’ सभी आधिकारिक भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि देश भर के नागरिकों को उनके इलाके से संबंधित समय पर और सटीक मौसम संबंधी जानकारी मिल सके।

डॉ. सिंह ने अधिकारियों के साथ बातचीत में, ‘मौसमग्राम’ में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को शामिल करने का भी सुझाव दिया जिससे इसे और अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाया जा सके।

उन्होंने ई-गवर्नेंस 2025 के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने पर आईएमडी टीम को बधाई दी। इसके बाद मिशन मौसम के चल रहे कार्यान्वयन को भी रेखांकित किया, जिसका लक्ष्य 2030 तक आईएमडी की पूर्वानुमान क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाना और ‘हर मौसम, हर घर मौसम’ के लक्ष्य को प्राप्त करना है।

इससे पहले, डॉ. सिंह ने ‘मौसम भवन’ में विशेष स्वच्छता कार्यक्रम 5.0 में भाग लिया और ‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल के तहत एक पौधा लगाया और स्वच्छता गतिविधियों में उनके योगदान के लिए 50 ‘सफाई मित्रों’ को सम्मानित भी किया।

Point of View

यह स्पष्ट है कि स्वदेशी मौसम प्रणालियों का विकास भारत की आत्मनिर्भरता और आपदा प्रबंधन क्षमताओं को मजबूत करने में मददगार होगा। यह न केवल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा, बल्कि नागरिकों के लिए बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
NationPress
12/10/2025