क्या पीओके भारत का हिस्सा है? सरकार उसे कब्जा मुक्त कराने का प्रयास करें: डॉ. एसटी हसन

सारांश
Key Takeaways
- पीओके भारत का हिस्सा है और इसे कब्जा मुक्त कराने की आवश्यकता है।
- भारत की सेना किसी भी आतंकी हमले का माकूल जवाब देगी।
- 'आई लव मोहम्मद' जैसे बैनरों का सम्मान होना चाहिए।
- समाज में एकता और भाईचारा बनाए रखना आवश्यक है।
- संवेदनशील मुद्दों पर सावधानी से विचार करना चाहिए।
मुरादाबाद, 22 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भले ही पाकिस्तान ने पीओके पर कब्जा कर रखा है, लेकिन यह क्षेत्र भारत का है और भारत सरकार का कर्तव्य है कि वह इसे कब्जा मुक्त कराए।
डॉ. हसन ने कहा कि यदि पाकिस्तान हमारे देश पर कोई आतंकी हमला करता है, तो हमारी सेना इसका सशक्त जवाब देगी।
हाल ही में 21 सितंबर को दुबई में हुए भारत-पाकिस्तान के क्रिकेट मैच के दौरान पाकिस्तानी क्रिकेटर साहिबजादा फरहान ने हाफ सेंचुरी पूरी करने के बाद बल्ले को बंदूक की तरह पकड़कर शूट करने का इशारा किया। इस पर डॉ. एसटी हसन ने कहा, “पाकिस्तान अपनी हार की खिसियाहट मिटाने के लिए ऐसी हरकतें कर रहा है। भारत के लोग इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। वे हमें क्रिकेट में हरा नहीं पाए और अब बंदूक दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।”
कानपुर में 'आई लव मोहम्मद' बैनर को लेकर छिड़े विवाद पर भी डॉ. एसटी हसन ने कहा कि कुछ राज्य सरकारें जैसे उत्तराखंड और असम ऐसे कदम उठा रही हैं जिससे मुस्लिम समुदाय के लोग अपमानित महसूस कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि 'आई लव मोहम्मद' लिखना कोई अपराध नहीं है। पैगंबर मोहम्मद का नाम पूरी दुनिया में सम्मानित है। हिंदू भाई भी उनका नाम आदर से लेते हैं। यह ऐसा नाम है, जिसके लिए हर मुसलमान अपनी जान तक कुर्बान कर सकता है।”
डॉ. हसन ने इसे एक संवेदनशील मुद्दा बताते हुए कहा कि इसे सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाना चाहिए ताकि लोगों की भावनाएं आहत न हों। देश में एकता और भाईचारे को बनाए रखने के लिए संवेदनशील मुद्दों पर सावधानी बरती जानी चाहिए।