क्या नेताओं ने महान वैज्ञानिक डॉ. विक्रम साराभाई की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी?
सारांश
Key Takeaways
- डॉ. विक्रम साराभाई भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक थे।
- उन्होंने इसरो की स्थापना की।
- उनके योगदान ने भारत को वैश्विक पहचान दिलाई।
- वे विज्ञान और अनुसंधान में प्रेरणा स्रोत रहे हैं।
- उनको पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया।
नई दिल्ली, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक और इसरो के संस्थापक, महान वैज्ञानिक पद्मविभूषण डॉ. विक्रम साराभाई की पुण्यतिथि पर, उनके अद्वितीय योगदान का स्मरण करते हुए देश के प्रमुख नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, नितिन गडकरी, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित कई नेता उनके योगदान को याद करते हुए भावुक हुए।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लिखा, "भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के अग्रदूत और महान वैज्ञानिक पद्मविभूषण डॉ. विक्रम साराभाई की पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि। भारत में अंतरिक्ष अनुसंधान की नींव रखकर राष्ट्र को वैश्विक पटल पर पहचान दिलाने में उनका योगदान सदैव ही अद्वितीय और अतुलनीय रहेगा।"
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लिखा, "भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक, महान वैज्ञानिक पद्म विभूषण डॉ. विक्रम साराभाई जी के स्मृति दिवस पर उन्हें विनम्र अभिवादन।"
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पर लिखा, "महान भारतीय वैज्ञानिक, इसरो के संस्थापक, भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक, पद्म विभूषण से अलंकृत डॉ. विक्रम साराभाई की पुण्यतिथि पर कोटिशः नमन। आपकी दूरदर्शी सोच के परिणामस्वरूप भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान को जनकल्याण से जोड़ा और उपग्रह प्रौद्योगिकी के माध्यम से संचार, शिक्षा, मौसम पूर्वानुमान, कृषि एवं आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में ऐतिहासिक प्रगति की। विज्ञान एवं अनुसंधान के क्षेत्र में देश को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने में आपका योगदान अविस्मरणीय है। विनम्र श्रद्धांजलि।"
यूपी भाजपा अध्यक्ष पंकज चौधरी ने लिखा, "इसरो के संस्थापक और महान वैज्ञानिक डॉ. विक्रम साराभाई जी की पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि। उनके दूरदर्शी नेतृत्व और वैज्ञानिक प्रतिभा ने भारत को अंतरिक्ष की दुनिया में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। डॉ. साराभाई जी का सपना आज भी हमारे वैज्ञानिकों और युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्तंभ बना हुआ है।"
शरद पवार ने लिखा, "डॉ. विक्रम साराभाई ने इसरो की स्थापना करके भारत के स्पेस युग की शुरुआत की। उन्होंने एटॉमिक एनर्जी, टेक्सटाइल, फार्मास्यूटिकल्स और आर्ट जैसे क्षेत्रों में भी योगदान दिया। कुल मिलाकर, महान वैज्ञानिक डॉ. विक्रम साराभाई को विनम्र श्रद्धांजलि, जिन्होंने भारत को स्पेस रिसर्च में आत्मनिर्भर बनाया और देश को वैज्ञानिक प्रगति की ओर अग्रसर किया, और जिन्हें 'पद्म भूषण' और 'पद्म विभूषण' पुरस्कारों से सम्मानित किया गया!"