क्या डीआरडीओ ने लंबी दूरी के पिनाका रॉकेट का पहला सफल उड़ान परीक्षण किया?

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क्या डीआरडीओ ने लंबी दूरी के पिनाका रॉकेट का पहला सफल उड़ान परीक्षण किया?

सारांश

ओडिशा के चांदीपुर में पिनाका लॉन्ग रेंज गाइडेड रॉकेट का पहला सफल उड़ान परीक्षण हुआ। यह रॉकेट 120 किलोमीटर की रेंज के लिए परीक्षण किया गया और लक्ष्य पर सटीक निशाना साधा। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि ने रक्षा क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है।

Key Takeaways

  • डीआरडीओ का सफल परीक्षण भारतीय रक्षा क्षमताओं को सुदृढ़ करता है।
  • पिनाका रॉकेट 120 किलोमीटर की रेंज में लक्ष्य भेदने में सक्षम है।
  • यह परीक्षण भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

चांदीपुर, 29 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज में सोमवार को पिनाका लॉन्ग रेंज गाइडेड रॉकेट (एलआरजीआर 120) का पहला उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस रॉकेट का परीक्षण इसकी अधिकतम 120 किलोमीटर की रेंज के लिए किया गया, और रॉकेट ने लक्ष्य पर सटीक निशाना साधा।

इस परीक्षण के दौरान, सभी रेंज उपकरणों ने पूरी उड़ान पथ के दौरान रॉकेट पर नजर रखी। इस रॉकेट को आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एआरडीई) द्वारा उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला के सहयोग से और रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल) तथा इमारत अनुसंधान केंद्र के समर्थन से डिजाइन किया गया है।

इस परीक्षण उड़ान का समन्वय इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आईटीआर) और प्रूफ एंड एक्सपेरिमेंटल एस्टैब्लिशमेंट द्वारा किया गया। एलआरजीआर को सेवा में मौजूद पिनाका लॉन्चर से प्रक्षिप्त किया गया, जिससे इसकी बहुमुखी प्रतिभा का प्रदर्शन हुआ और एक ही लॉन्चर से अलग-अलग रेंज के पिनाका वेरिएंट को प्रक्षिप्त करने की क्षमता सिद्ध हुई।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि पर डीआरडीओ को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि लंबी दूरी के निर्देशित रॉकेटों के सफल डिजाइन और विकास से सशस्त्र बलों की क्षमताओं में वृद्धि होगी और इसे एक क्रांतिकारी कदम बताया।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने परीक्षण का अवलोकन किया और मिशन के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए सभी टीमों को बधाई दी।

पिछले साल डीआरडीओ ने अनंतिम स्टाफ गुणात्मक आवश्यकताओं (पीएसक्यूआर) सत्यापन परीक्षणों के अंतर्गत निर्देशित पिनाका हथियार प्रणाली के उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक संपन्न किए थे। ये उड़ान परीक्षण तीन चरणों में विभिन्न फायरिंग रेंजों पर किए गए।

इन परीक्षणों के दौरान रॉकेटों के व्यापक परीक्षण द्वारा पीएसक्यूआर मापदंडों, जैसे कि मारक क्षमता, सटीकता, स्थिरता और एक साथ कई लक्ष्यों को भेदने की दर का आकलन किया गया। प्रत्येक उत्पादन एजेंसी द्वारा उन्नत किए गए दो चालू पिनाका लॉन्चरों से बारह रॉकेटों का परीक्षण किया गया।

Point of View

बल्कि यह हमारे सशस्त्र बलों की तैयारियों को भी और मजबूत बनाता है। ऐसे सफल परीक्षण राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं और हमारे देश की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
NationPress
29/12/2025

Frequently Asked Questions

पिनाका रॉकेट का उड़ान परीक्षण कब हुआ?
पिनाका रॉकेट का पहला उड़ान परीक्षण 29 दिसंबर को हुआ।
यह रॉकेट कितनी दूरी तक लक्ष्य भेद सकता है?
यह रॉकेट अधिकतम 120 किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य भेद सकता है।
इस रॉकेट का विकास किसने किया है?
इस रॉकेट का विकास आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एआरडीई) और अन्य सहयोगी संस्थाओं द्वारा किया गया है।
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