क्या डीआरआई ने तूतीकोरिन बंदरगाह पर 5 करोड़ रुपए के अवैध चीनी पटाखे जब्त किए?

सारांश
Key Takeaways
- डीआरआई ने 5.01 करोड़ रुपये के अवैध चीनी पटाखे जब्त किए।
- पटाखे गलत तरीके से इंजीनियरिंग सामान के रूप में भेजे गए थे।
- तस्करी रैकेट में शामिल चार लोगों को गिरफ्तार किया गया।
- भारत में पटाखों का आयात प्रतिबंधित है।
- सुप्रीम कोर्ट ने हरित पटाखों की बिक्री की अनुमति दी है।
नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने दीपावली से पूर्व एक महत्वपूर्ण कार्रवाई में अपने चल रहे ऑपरेशन 'फायर ट्रेल' के तहत तूतीकोरिन बंदरगाह पर 5.01 करोड़ रुपए के अवैध चीनी पटाखे जब्त किए हैं। वित्त मंत्रालय ने रविवार को इस संबंध में जानकारी दी।
यह खेप, जो इंजीनियरिंग सामान के रूप में भेजी गई थी, इसमें 83,520 तस्करी किए गए पटाखे दो चालीस फुट के कंटेनरों में छिपाए गए थे।
अधिकारियों के अनुसार, डीआरआई ने 14 से 18 अक्टूबर के बीच एक विशेष अभियान के दौरान इन कंटेनरों को पकड़ा। जब्त किए गए शिपमेंट में सिलिकॉन सीलेंट गन का कवर कार्गो भी शामिल था।
अधिकारियों ने चेन्नई, तूतीकोरिन और मुंबई में समन्वित अभियानों के दौरान तूतीकोरिन में आयातक को पकड़ा और मुंबई के दो लोगों सहित तीन अन्य व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। तस्करी रैकेट में उनकी भूमिका के लिए चारों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
भारत की विदेश व्यापार नीति के अंतर्गत पटाखों का आयात प्रतिबंधित है और इसके लिए विस्फोटक नियम, 2008 के तहत विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) और पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन (पीईएसओ) से उचित लाइसेंस की आवश्यकता होती है।
डीआरआई ने बताया कि वह तस्करी की गतिविधियों, विशेषकर राष्ट्रीय सुरक्षा और जन सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाली गतिविधियों से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है।
एजेंसी ने एक बयान में कहा, "यह कार्रवाई त्योहारों के मौसम में खतरनाक सामानों के अवैध आयात को रोकने के हमारे निरंतर प्रयासों को दर्शाती है।"
यह जब्ती सुप्रीम कोर्ट द्वारा 18 से 21 अक्टूबर के बीच दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में सख्त शर्तों के तहत प्रमाणित हरित पटाखों की बिक्री और फोड़ने की अनुमति दिए जाने के कुछ ही दिनों बाद हुई है।
सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिया था कि केवल राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी) और पीईएसओ द्वारा सत्यापित क्यूआर कोड वाले पटाखे ही बेचे जा सकते हैं। यह कदम दीपावली के दौरान प्रदूषण को कम करने और जन सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।