क्या द्वारका में पुलिस की मुस्तैदी से 5 साल की बच्ची परिवार से मिली? 'खोया-पाया केंद्र' की सराहना

सारांश
Key Takeaways
- पुलिस ने तत्परता से 5 साल की बच्ची को उसके परिवार से मिलाया।
- 'खोया-पाया केंद्र' ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- पुलिस की कार्रवाई ने समाज में एकजुटता की भावना को बढ़ावा दिया।
- भीड़-भाड़ वाले आयोजनों में सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाती है।
- बच्ची की मां ने पुलिस की सराहना की।
दिल्ली, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली के सेक्टर-10 द्वारका पुलिस चौकी की टीम ने एक बार फिर अपनी तत्परता का परिचय देते हुए रामलीला मेले में बिछड़ी 5 साल की बच्ची को उसके परिवार से मिलाने में सफलता प्राप्त की।
यह घटना द्वारका जिले में चल रहे रामलीला उत्सव के दौरान हुई, जहां पुलिस ने 'खोया-पाया केंद्र' की मदद से बच्ची को सुरक्षित उसके माता-पिता तक पहुंचाया।
द्वारका के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) अंकित सिंह, आईपीएस के निर्देशन में जिले की सभी रामलीलाओं में 'खोया-पाया केंद्र' स्थापित किए गए हैं। इन केंद्रों का उद्देश्य मेले में खोए हुए बच्चों, बुजुर्गों और अन्य लोगों को उनके परिवारों से मिलाना है। डीसीपी अंकित सिंह ने बताया कि भीड़भाड़ वाले आयोजनों में लोगों की सुरक्षा और सुविधा उनकी प्राथमिकता है। इस पहल के तहत सेक्टर-10 पुलिस चौकी की टीम ने पहले भी दो बच्चों को उनके परिजनों से मिलाया था।
इस बार बिहार के बेगूसराय की रहने वाली 5 साल की एक बच्ची रामलीला मेले में अपने माता-पिता से बिछड़ गई। सूचना मिलते ही सेक्टर-10 पुलिस चौकी प्रभारी एसआई रजत मलिक, एचसी केदार सिंह गुर्जर, एचसी कमलेश और एचसी शैतान सिंह की टीम ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। यह ऑपरेशन थाना द्वारका दक्षिण के एसएचओ राजेश कुमार साह और एसीपी द्वारका किशोर कुमार रेवाला के मार्गदर्शन में हुआ।
बच्ची छोटी होने के कारण अपने परिवार के बारे में सटीक जानकारी नहीं दे पा रही थी। पुलिस ने धैर्य और संवेदनशीलता के साथ बच्ची को सांत्वना दी, उसे प्यार-दुलार से सहज किया और छोटी-छोटी जानकारियों के आधार पर उसके परिजनों की खोज शुरू की। मेले में लगे 'खोया-पाया केंद्र' के माध्यम से तुरंत घोषणाएं की गईं और डिजिटल डिस्प्ले स्क्रीन पर बच्ची की जानकारी साझा की गई। कुछ ही देर में बच्ची के परिजन केंद्र पर पहुंचे। पहचान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद बच्ची को सुरक्षित उसके माता-पिता को सौंप दिया गया।
बच्ची को अपनी मां की गोद में देखकर परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। मां ने पुलिस की त्वरित कार्रवाई और संवेदनशीलता की जमकर सराहना की। डीसीपी अंकित सिंह ने बताया कि 'खोया-पाया केंद्र' में आधुनिक तकनीक का उपयोग कर तस्वीरें और जानकारी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रदर्शित की जाती हैं, जिससे परिजनों तक जल्दी पहुंचा जा सके।