क्या भारत को सामाजिक सुरक्षा में उत्कृष्टता के लिए आईएसएसए अवार्ड 2025 से सम्मानित किया गया?

सारांश
Key Takeaways
- भारत का सामाजिक सुरक्षा कवरेज 64.3 प्रतिशत तक बढ़ गया है।
- भारतीय सरकार को ISSA Award 2025 से सम्मानित किया गया।
- ई-श्रम पोर्टल असंगठित श्रमिकों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है।
- नेशनल करियर सर्विस पोर्टल नियोक्ताओं और नौकरी चाहने वालों को जोड़ता है।
- यह पुरस्कार भारत की सामाजिक सुरक्षा प्रणाली की वैश्विक मान्यता को दर्शाता है।
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस) । केंद्रीय श्रम एवं रोजगार तथा युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को सामाजिक सुरक्षा कवरेज के ऐतिहासिक विकास पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह 2015 में 19 प्रतिशत से बढ़कर 2025 में 64.3 प्रतिशत हो गया है, जो 94 करोड़ से अधिक नागरिकों को कवर करता है।
मलेशिया के कुआलालंपुर में वर्ल्ड सोशल सिक्योरिटी फोरम 2025 को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आईएसएसए की महासभा में भारत का हिस्सा तीस तक पहुंच गया है, जो किसी भी देश के लिए सबसे अधिक वोट शेयर है।
केंद्रीय मंत्री मांडविया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "हमें यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि भारत को सामाजिक सुरक्षा में उत्कृष्टता के लिए प्रतिष्ठित आईएसएसए अवार्ड 2025 से सम्मानित किया गया है।"
भारत सरकार की ओर से पुरस्कार प्राप्त करते हुए डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा, "यह पुरस्कार हमारे पीएम मोदी के दृष्टिकोण और अंत्योदय के हमारे मार्गदर्शक सिद्धांत का प्रमाण है, जो पंक्ति के अंतिम व्यक्ति को सशक्त बनाता है, जिसने इंक्लूसिव और यूनिवर्सल सोशल प्रोटेक्शन की दिशा में हमारी यात्रा को आकार दिया है।"
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, यह त्रिवार्षिक पुरस्कार वैश्विक स्तर पर सामाजिक सुरक्षा प्रणालियों में भारत की असाधारण प्रगति को मान्यता देता है।
यह पुरस्कार समारोह डब्ल्यूएसएसएफ का एक प्रमुख वैश्विक सम्मेलन था, जिसमें 163 देशों के 1,200 से अधिक सामाजिक सुरक्षा नीति निर्माताओं और पेशेवरों ने भाग लिया। अपनी स्थापना के बाद से इस पुरस्कार का पांचवां प्राप्तकर्ता होने के नाते भारत सामाजिक सुरक्षा कवरेज के क्षेत्र में दुनिया भर के अग्रणी देशों में शामिल हो गया है।
केंद्रीय मंत्री ने अपने संबोधन में ई-श्रम पोर्टल का जिक्र करते हुए सामाजिक सुरक्षा लाभों के लास्ट माइल डिलीवरी के लिए भारत में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना पर विस्तार से चर्चा की।
उन्होंने कहा, "ई-श्रम पोर्टल एक नेशनल डिजिटल डेटाबेस है, जो एक बहुभाषी, निर्बाध इंटरफेस के माध्यम से 31 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिकों को सामाजिक कल्याण योजनाओं से जोड़ने वाले 'वन-स्टॉप सॉल्यूशन' के रूप में कार्य करता है।"
डॉ. मांडविया ने नेशनल करियर सर्विस (एनसीएस) पोर्टल की ओर भी ध्यान आकर्षित किया। यह पोर्टल नौकरी चाहने वालों और नियोक्ताओं को एक साझा मंच पर लाने के लिए मजबूत डिजिटल उपकरणों से लैस है।
उन्होंने कहा, "आज, एनसीएस के पास स्किल्ड वर्कफोर्स का एक प्रमाणित डेटाबेस है, जो दुनिया भर के नियोक्ताओं के लिए आसानी से उपलब्ध है और ई-श्रम के साथ इंटीग्रेटेड है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि हमारे कुशल युवा अपने सामाजिक सुरक्षा लाभों को खोए बिना वैश्विक अवसरों तक पहुंच सकें।"