क्या राहुल गांधी विदेश में भारत की छवि को बिगाड़ते हैं? : सुधांशु त्रिवेदी

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी के बयानों पर विवाद।
- सुधांशु त्रिवेदी का आरोप।
- विदेशों में भारत की छवि प्रभावित होती है।
- राजनीतिक बयानों की सावधानी।
- भारत की सांस्कृतिक पहचान का महत्व।
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य सुधांशु त्रिवेदी ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि वे विदेशी मंचों पर भारत की छवि को बिगाड़ते हैं। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने एक बार फिर से विदेशी धरती पर भारत विरोधी बयान दिया है, जिससे भारत की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभावित होती है।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, "बीते 24 से 36 घंटे में देश ने दो प्रकार के दृश्य देखे हैं। एक में, पिछले 100 वर्षों से देश के लिए समर्पित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शताब्दी मनाई गई। इस अवसर पर पीएम मोदी ने एक ऐसा सिक्का जारी किया, जिसमें संभवतः स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार भारत की किसी मुद्रा पर मां भारती का चित्र दिखा। वहीं दूसरे दृश्य में, एक ब्रिटिश अधिकारी एओ ह्यूम द्वारा स्थापित 140 साल पुरानी पार्टी, जिसके पहले 15 साल में कई ब्रिटिश सचिव अध्यक्ष रहे, और जो 100 साल से एक ही परिवार के नियंत्रण में है, उस संगठन के पतन के बीच राहुल गांधी भारत विरोधी शक्तियों के साथी बनते दिख रहे हैं।"
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, "राहुल गांधी ने एक बार फिर विदेशी धरती पर भारत विरोधी बयान दिया है। यह पहली बार नहीं है। इससे पहले भी वे कई बार ऐसे ही बयान दे चुके हैं। आपको याद दिला दें कि 6 मार्च 2023 को लंदन के चैथम हाउस में उन्होंने सवाल किया था कि लोकतंत्र के समर्थक अमेरिका और यूरोप चुप क्यों हैं? इससे बड़ी और क्या बेइज्जती हो सकती है? उन्होंने विदेश की धरती से एक और ऐसा बयान दिया है, जिसमें कुछ भी आश्चर्यजनक नहीं है।"
भाजपा सांसद ने राहुल गांधी के कोलंबिया में दिए बयान पर कहा, "100 साल तक एक ही परिवार के शासन के बाद, अपनी पार्टी के पतन और सत्ता के नुकसान से घबराकर, उस परिवार का मुखिया, जो अब भारत विरोधी ताकतों का साथी बनता दिख रहा है, ने अपनी आदत के मुताबिक विदेशी धरती से एक और बयान दिया, जो आश्चर्यजनक नहीं है।"
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, "सवाल यह उठता है कि राहुल गांधी जब विदेश जाते हैं तो उन्हें यह क्यों नहीं दिखाई पड़ता है कि कैंब्रिज यूनिवर्सिटी ने दिसंबर 2024 में बकायदा रिसर्च की है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत का डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन कैसा हुआ।
स्टैनफोर्ड ने एक अपनी एआई इंडेक्स तैयार की है, जिसमें कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कौशल के उपयोग में भारत पहले स्थान पर है और यह एआई के क्षेत्र में सबसे सक्रिय चार देशों में से एक है।"
उन्होंने आगे कहा, "यह बात उसने कही है, जिस स्टैनफोर्ड में जाकर राहुल गांधी भारत के बारे में अपशब्द, अपमानजनक और निरर्थक बातें करते हैं।"