क्या लखनी देवी मंदिर के दर्शन से धन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं?

सारांश
Key Takeaways
- लखनी देवी मंदिर आर्थिक समस्याओं के समाधान के लिए प्रसिद्ध है।
- इस मंदिर की पूजा विशेष अवसरों पर अधिक फलदायी होती है।
- यह मंदिर कलचुरी राजवंश के इतिहास से जुड़ा है।
- मंदिर के बाहर भगवान हनुमान और शिव की प्रतिमाएं हैं।
- दीवाली पर यहां विशेष सजावट और पूजा होती है।
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से थोड़ी दूरी पर स्थित मां लखनी देवी का मंदिर, जो रतनपुर के घने जंगलों और पहाड़ियों में छिपा हुआ है, अपनी अद्वितीय मान्यताओं के कारण श्रद्धालुओं के बीच अत्यधिक प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि इस मंदिर में दर्शन करने से लोगों की आर्थिक समस्याएं समाप्त हो जाती हैं।
लखनी देवी मंदिर लगभग 800 वर्ष पुराना है और इसे कलचुरी राजवंश के युग में स्थापित किया गया था। मान्यता है कि यदि आप कर्ज में हैं या आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं, तो मां लखनी देवी के मंदिर में प्रार्थना करने से आपकी सभी समस्याएं सुलझ जाती हैं।
इस मंदिर में एक विशेष श्री यंत्र है, जिसके दर्शन के लिए भक्त दूर-दूर से आते हैं। मां लखनी देवी को मां लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। दीवाली और अगहन महीने में यहां विशेष पूजा और अर्चना की जाती है। कहा जाता है कि गुरुवार का दिन मां लक्ष्मी का होता है और इस दिन की गई पूजा विशेष फलदायी होती है।
एक प्रसिद्ध कथा भी इस मंदिर से जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि कलचुरी राजा रत्नदेव तृतीय के राज्य में अकाल और महामारी फैल गई थी। राज्य का कोई भी व्यक्ति खाने के लिए दाने के लिए तरस रहा था, और राजकोष भी खाली हो चुका था।
इस संकट से उबरने के लिए एक विद्वान पंडित ने राजा से मां लक्ष्मी का मंदिर बनाने की सलाह दी। ऐसा कहा जाता है कि मंदिर के निर्माण के बाद राज्य में फिर से खुशहाली लौट आई। महामारी और अकाल से राज्य को मुक्ति मिल गई।
इस मंदिर में मां लक्ष्मी का स्वरूप अत्यंत आकर्षक है। यहां मां लक्ष्मी अष्टदल कमल पर विराजित हैं और मंदिर के बाहर भगवान हनुमान और शिव की विशाल प्रतिमाएं मंदिर की भव्यता को और बढ़ाती हैं।
दीवाली के अवसर पर मां लक्ष्मी की प्रतिमा और मंदिर को भव्यता से सजाया जाता है। इस दिन विशेष पूजा से मां लक्ष्मी को प्रसन्न किया जाता है।