क्या राहुल गांधी देश के संसदीय लोकतंत्र के लिए बोझ हैं? : नीरज कुमार

सारांश
Key Takeaways
- नीरज कुमार ने राहुल गांधी के बयानों की कड़ी निंदा की।
- महिला रोजगार योजना के तहत 25 लाख महिलाओं को सहायता दी जा रही है।
- संविधान का अपमान करना गंभीर विषय है।
- राजनीतिक संवाद को स्वस्थ बनाए रखना जरूरी है।
- बिहार महिला सशक्तीकरण का रोल मॉडल बन रहा है।
पटना, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कोलंबिया में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बयान की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी देश के संसदीय लोकतंत्र के लिए बोझ हैं। वे लगातार संविधान का अपमान कर देश के लोगों को चोट पहुंचा रहे हैं।
जदयू प्रवक्ता ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि राहुल गांधी चुनावी मौसम में बिहार में एक राजनीतिक पर्यटक की तरह आते हैं। जब चुनाव आयोग अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित करता है, तो मजबूत तर्कों के अभाव में वे निराश हो जाते हैं। फिर वे विदेश जाकर दावा करते हैं कि भारत में लोकतंत्र खत्म हो गया, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने सवाल उठाया कि यदि लोकतंत्र नहीं है, तो आप विपक्ष के नेता कैसे बने? आपकी पार्टी विभिन्न राज्यों में सरकारें कैसे बनाती है? संविधान खतरे में नहीं है, बल्कि आपकी राजनीतिक साख खतरे में है।
जदयू प्रवक्ता ने राहुल गांधी पर बाबासाहेब अंबेडकर के संविधान का अपमान करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसे लोग देश के संसदीय लोकतंत्र के लिए बोझ हैं और जनता उनकी बातों से आहत है।
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दिए गए बयान पर जदयू प्रवक्ता ने कहा कि वे एक निर्वाचित सांसद हैं, लेकिन वे विजयादशमी जैसे पवित्र त्योहार को, जो असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है, केवल राजनीतिक संदर्भ में देख रहे हैं। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की दूसरी किस्त जारी होने पर जदयू प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को महिला सशक्तीकरण का रोल मॉडल बताया। उन्होंने कहा कि 25 लाख अतिरिक्त महिलाओं को स्वरोजगार के लिए 10,000 रुपए की सहायता दी जा रही है। इससे पहले 75 लाख महिलाओं को 10 हजार रुपए दिए जा चुके हैं।
जदयू प्रवक्ता ने कहा कि यह राशि जीविका से जुड़ी महिलाओं को बिना किसी बिचौलिये के सीधे उनके खातों में हस्तांतरित की जा रही है। विपक्ष इसे कर्ज बता रहा है, लेकिन यह बेबुनियाद आरोप है। उन्होंने दावा किया कि बिहार महिला सशक्तीकरण का रोल मॉडल बन रहा है। जीविका से जुड़ी हमारी माताएं-बहनें नंबर वन हैं। नीतीश कुमार काम के लिए जाने जाते हैं। 25 लाख महिलाओं को एक साथ राशि हस्तांतरित करना बदलते बिहार की तस्वीर है। इस पहल से इंडी गठबंधन को पेट में दर्द हो रहा है।