क्या इंदौर में ईडी ने दो कंपनियों की 1.14 करोड़ रुपए की संपत्तियां कुर्क की?
सारांश
Key Takeaways
- ईडी ने इंदौर में दो कंपनियों की संपत्तियां कुर्क की हैं।
- कुल संपत्तियों की कीमत 1.14 करोड़ रुपए है।
- यह कार्रवाई धन शोधन के एक मामले में की गई है।
- जांच में धोखाधड़ी के कई पहलू सामने आए हैं।
- आगे की जांच और कुर्की की संभावना बनी हुई है।
भोपाल, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए इंदौर में दो कंपनियों, अंबिका सॉल्वेक्स लिमिटेड और वर्धमान सॉल्वेंट एक्सट्रैक्शन इंडस्ट्रीज लिमिटेड, की तीन संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है। इनकी कुल कीमत लगभग 1.14 करोड़ रुपए आंकी गई है।
यह कार्रवाई मेसर्स नारायण निर्यात इंडिया प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े धन शोधन के एक मामले में की गई है। इससे पहले भी इस समूह से संबंधित व्यक्तियों और कंपनियों की 26.53 करोड़ रुपए की संपत्तियां कुर्क की जा चुकी हैं।
ईडी की जांच सीबीआई, व्यापम यूनिट, भोपाल की एफआईआर के आधार पर प्रारंभ हुई थी, जिसमें धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार से संबंधित धाराएं लगाई गई थीं। बाद में सीबीआई ने नारायण निर्यात इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और उससे संबंधित कई कंपनियों और व्यक्तियों के खिलाफ चार्जशीट भी दायर की थी।
जांच में यह सामने आया कि मेसर्स अंबिका सॉल्वेक्स लिमिटेड द्वारा संचालित मेसर्स नारायण निर्यात इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने यूको बैंक के नेतृत्व वाले बैंकों के संघ से साख पत्र (एलसी) और निर्यात पैकिंग क्रेडिट (ईपीसी) के माध्यम से लगभग 110.50 करोड़ रुपए का ऋण धोखाधड़ी से प्राप्त किया।
हालांकि, दस्तावेजों में इन निधियों का उपयोग वैध व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए बताया गया था, जांच में पाया गया कि न तो कोई वास्तविक खरीद की गई और न ही कोई निर्यात हुआ। इसके बजाय, कंपनियों ने झूठे व्यावसायिक लेनदेन का दिखावा उत्पन्न करने के लिए समूह की अन्य इकाइयों के माध्यम से चक्रीय लेनदेन किए।
इन लेनदेन के माध्यम से धोखाधड़ी से प्राप्त धनराशि को व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट लाभ के लिए डायवर्ट किया गया। जांच में यह भी पाया गया कि इस धन को अचल संपत्तियों में निवेश, समूह द्वारा नियंत्रित बेनामी संस्थाओं और कंपनियों के नेटवर्क के जरिए छिपाया और शोधन किया गया।
ईडी ने कहा कि इस मामले की आगे की जांच जारी है, और संभावना है कि आने वाले दिनों में और संपत्तियों की कुर्की और अभियोजन कार्रवाई की जा सकती है।