क्या नशे के खिलाफ ईडी ने बड़ी कार्रवाई की? चंडीगढ़ और मुंबई समेत 4 ठिकानों पर छापे

सारांश
Key Takeaways
- ईडी की छापेमारी ने नशे के खिलाफ एक मजबूत संदेश दिया है।
- अवैध दवा बिक्री के मामले में सख्त कार्रवाई की जा रही है।
- जांच में महत्वपूर्ण सबूत बरामद हुए हैं।
जालंधर, 19 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। नशे के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के अंतर्गत, केंद्रीय जांच एजेंसी ने चंडीगढ़, लुधियाना, बरनाला और मुंबई में चार स्थानों पर छापे मारे।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को पंजाब में 22 प्राइवेट नशा मुक्ति केंद्रों में उपयोग की जाने वाली बीएनएक्स (ब्यूप्रेनोर्फिन/नालोक्सोन) दवाओं की अवैध बिक्री से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में यह छापेमारी की। यह कार्रवाई चंडीगढ़, लुधियाना, बरनाला और मुंबई में की गई।
इन दवाओं का उपयोग नशा मुक्ति के लिए किया जाता है, लेकिन इनका दुरुपयोग नशे के लिए भी किया जाता है। तलाशी में अमित बंसल, रुसन फार्मा लिमिटेड और ड्रग्स इंस्पेक्टर रूप प्रीत कौर से जुड़े कार्यालयों और आवासीय परिसरों को भी शामिल किया गया।
ईडी ने पंजाब पुलिस द्वारा एनडीपीएस अधिनियम 1985 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धाराओं के तहत दर्ज विभिन्न एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की। जांच में पता चला कि अमित बंसल अपने 22 नशा मुक्ति केंद्रों की आड़ में बीएनएक्स दवाओं की खरीद कर उन्हें अवैध रूप से बेचता था, जिससे भारी मात्रा में अपराध से आय (पीओसी) उत्पन्न हो रही थी।
अवैध बिक्री के कारण दवाओं की कमी को खरीद रिटर्न के रूप में दिखाया गया था। इस प्रकार उत्पन्न पीओसी को बैंक खातों के जरिए कई अचल संपत्तियों की खरीद में लगाया गया।
तलाशी के दौरान दवा स्टॉक रजिस्टर, कई संपत्ति खरीद समझौते और अन्य महत्वपूर्ण सबूत बरामद किए गए, जो वित्तीय सुराग स्थापित करने और संबंधित संस्थाओं की कार्यप्रणाली को उजागर करने में मदद करेंगे। ईडी इस मामले में आगे की जांच कर रही है।