क्या बिल्डर-खरीदारों के साथ धोखाधड़ी में ईडी ने संदीप यादव और अरविंद वालिया को गिरफ्तार किया?

सारांश
Key Takeaways
- प्रवर्तन निदेशालय ने १,१०० करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में कार्रवाई की।
- संदीप यादव और अरविंद वालिया को गिरफ्तार किया गया।
- रामप्रस्थ ग्रुप पर गंभीर आरोप हैं।
नई दिल्ली, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रामप्रस्थ ग्रुप के डायरेक्टर और प्रमोटर संदीप यादव और अरविंद वालिया को गिरफ्तार किया है। उनकी गिरफ्तारी बिल्डर और खरीदारों से १,१०० करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में हुई है।
प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में रामप्रस्थ प्रमोटर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड (आरपीडीपीएल) के डायरेक्टर और प्रमोटर संदीप यादव और अरविंद वालिया के दिल्ली तथा गुरुग्राम स्थित तीन ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस कार्रवाई के बाद ईडी ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि रामप्रस्थ प्रमोटर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड ने प्रोजेक्ट एज, प्रोजेक्ट स्काईज, प्रोजेक्ट राइज और रामप्रस्थ सिटी (प्लॉटेड कॉलोनी प्रोजेक्ट) जैसी विभिन्न परियोजनाओं के लिए २,००० से अधिक होमबायर्स से लगभग १,१०० करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है और १५-२० साल बीत जाने के बाद भी फ्लैटों या प्लॉटों का कब्जा नहीं दिया गया है।
इससे पहले, ११ जुलाई २०२५ को ईडी ने आरपीडीपीएल और इसकी समूह कंपनियों की ६८१.५४ करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया था।
आरोप है कि कंपनी ने हजारों घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी की और कई साल बीतने के बावजूद न तो फ्लैट और न ही प्लॉट का कब्जा दिया।
ईडी ने दिल्ली और हरियाणा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज कई प्राथमिकियों (एफआईआर) के आधार पर जांच शुरू की।
इन शिकायतों में कहा गया कि आरपीडीपीएल और इसके प्रमोटर अरविंद वालिया और संदीप यादव ने खरीदारों से पैसे तो ले लिए, लेकिन वादे के मुताबिक न तो फ्लैट और न ही प्लॉट सौंपे।
इसी के चलते ईडी ने ११ जुलाई को कंपनी की अचल संपत्तियों को कुर्क किया था, जिनमें गुरुग्राम के सेक्टर ३७डी, ९२ और ९५ में फैली करीब २२६ एकड़ की दो कॉलोनियां और गांव बसई, गदौली कलां, हयातपुर और वाजीरपुर में मौजूद लगभग १,७०० एकड़ जमीन शामिल है।
फिलहाल इस मामले में आगे की जांच जारी है।