क्या ईडी ने अवैध विदेशी वाहन आयात रैकेट का भंडाफोड़ किया? केरल और तमिलनाडु में 17 ठिकानों पर छापेमारी

सारांश
Key Takeaways
- ईडी ने 17 ठिकानों पर छापेमारी की।
- महंगी विदेशी गाड़ियों का अवैध आयात किया जा रहा था।
- जाली अनापत्ति प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल किया गया।
- हवाला के माध्यम से भुगतान किया गया।
- जांच जारी है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
कोच्चि, 9 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कोच्चि क्षेत्रीय कार्यालय ने एक बड़े तलाशी अभियान में केरल और तमिलनाडु के 17 ठिकानों पर छापेमारी की। यह अभियान महंगी लग्जरी विदेशी गाड़ियों के अवैध आयात और संबंधित अनधिकृत विदेशी मुद्रा लेनदेन के मामले से जुड़ा है।
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इन व्यक्तियों ने कथित तौर पर जाली अनापत्ति प्रमाणपत्रों (एनओसी) का उपयोग करके भूटान से पुराने वाहन खरीदे और उनका भुगतान हवाला के माध्यमों से किया।
ईडी की टीम ने एर्नाकुलम, त्रिशूर, कोझिकोड, मलप्पुरम, कोट्टायम और कोयंबटूर में आवासों, वर्कशॉपों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के साथ ही चेन्नई के एक पते पर एक साथ तलाशी ली। इस कार्रवाई के दौरान वहां से आपत्तिजनक दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, वाहन के कागजात और भुगतान रिकॉर्ड जब्त किए गए।
ईडी को यह भी पता चला कि इन्होंने 2023-24 के दौरान भूटान से लगभग 16 वाहन खरीदने की बात स्वीकार की। पूछताछ के दौरान कुछ लोगों ने यह भी स्वीकार किया कि इन वाहनों को भूटान के एक पूर्व-सेना कर्मी के माध्यम से खरीदा गया था। वाहनों को भारत-भूटान सीमा पर कोई सीमा शुल्क निकासी या आयात शुल्क दिए बिना ही तस्करी कर भारत लाया गया।
जांच में खुलासा हुआ कि वाहनों को कोयंबटूर लाने के बाद उन्हें तोड़ दिया जाता था और स्पेयर पार्ट्स के रूप में केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में ओएनएक्स जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से नकद या व्यक्तिगत खातों में भुगतान लेकर बेचा जाता था। उनकी किसी भी फर्म के पास आवश्यक आयात-निर्यात कोड नहीं था।
शुरूआती जांच में मामला अनधिकृत विदेशी मुद्रा लेनदेन और विदेशी संपत्तियों के अधिग्रहण से संबंधित है। ईडी अब जब्त किए गए रिकॉर्ड की फोरेंसिक जांच कर रहा है और आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए सीमा शुल्क और राज्य क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों सहित अन्य एजेंसियों के साथ बात कर रहा है।
ईडी ने सीमा शुल्क चोरी और अनौपचारिक माध्यमों से विदेशी मुद्रा के हस्तांतरण के लिए छिद्रपूर्ण सीमाओं और डिजिटल प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग करने वाले एक संगठित नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। मामले में आगे की जांच जारी है।