क्या छत्तीसगढ़ में मेडिकल सप्लाई घोटाले के लिए ईडी ने 18 ठिकानों पर छापेमारी की?

Click to start listening
क्या छत्तीसगढ़ में मेडिकल सप्लाई घोटाले के लिए ईडी ने 18 ठिकानों पर छापेमारी की?

सारांश

छत्तीसगढ़ में मेडिकल सप्लाई घोटाले के चलते ईडी ने छापेमारी की। आरोप है कि अधिकारियों के साथ मिलीभगत से 500 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ। क्या और भी खुलासे होंगे?

Key Takeaways

  • ईडी की कार्रवाई: 18 ठिकानों पर छापेमारी की गई।
  • 500 करोड़ का घोटाला: सीजीएमएससी से जुड़ा मामला।
  • शशांक चोपड़ा: गिरफ्तार हो चुके हैं।
  • मामले का दायरा: जांच में अन्य व्यक्तियों की भी भूमिका है।
  • भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई: जांच एजेंसियों की सक्रियता।

रायपुर, 30 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार सुबह छत्तीसगढ़ में मेडिकल सप्लाई घोटाले के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए 18 स्थानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई मेसर्स मोक्षित कॉर्पोरेशन के शशांक चोपड़ा, छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन (सीजीएमएससी), और स्वास्थ्य सेवा निदेशालय (डीएचएस) के अधिकारियों से संबंधित जगहों पर की गई है।

सूत्रों के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सीजीएमएससी से जुड़ी 500 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले के मामले में यह कार्रवाई की है। ईडी की टीम ने दुर्ग में स्थित मोक्षित कॉर्पोरेशन के कार्यालय और तीन आवासों पर छापेमारी की।

जानकारी के अनुसार, शशांक चोपड़ा ने सीजीएमएससी के अधिकारियों के साथ मिलकर मेडिकल उपकरण और रिएजेंट्स की आपूर्ति के लिए अवैध तरीके से रेट कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया। इसके बाद, उन्होंने डीएचएस और सीजीएमएससी के अधिकारियों को प्रलोभन देकर लगभग 500 करोड़ रुपये के खरीद आदेश प्राप्त किए।

यह कार्रवाई मेडिकल सप्लाई में कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की जांच के तहत की गई है।

ईडी की यह जांच मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के अंतर्गत चल रही है। छापेमारी दुर्ग और इसके आस-पास के क्षेत्रों में की गई, जिसमें मेडिकल सप्लायर्स और कुछ मध्यस्थों के परिसर भी शामिल हैं। जांच में सामने आया है कि 2023 में हुई खरीद में गड़बड़ियों के कारण राज्य के खजाने को 550 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

सूत्रों के अनुसार, ईडी इस मामले में शामिल अन्य व्यक्तियों और लेनदेन की गहन जांच कर रही है। इस घोटाले से जुड़े और भी खुलासे होने की संभावना है।

इस मामले में पहले ही एंटी-करप्शन ब्यूरो और इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (एसीबी/ईओडब्ल्यू) ने शशांक चोपड़ा सहित कई अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। जांच एजेंसियां इस घोटाले के पूरे नेटवर्क को उजागर करने में जुटी हैं।

खास बात यह है कि छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन (सीजीएमएससी) के घोटाले में मोक्षित कॉर्पोरेशन के निदेशक शशांक चोपड़ा को इसी साल जनवरी में गिरफ्तार किया गया था। एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) और आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की टीम ने यह कार्रवाई की थी।

Point of View

मैं मानता हूँ कि इस तरह के घोटाले हमारे देश की स्वास्थ्य प्रणाली को कमजोर करते हैं। हमें इस मामले में पूर्ण पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता है।
NationPress
31/07/2025

Frequently Asked Questions

ईडी ने क्यों छापेमारी की?
ईडी ने मेडिकल सप्लाई घोटाले के संदर्भ में छापेमारी की है, जिसमें 500 करोड़ रुपये का घोटाला शामिल है।
क्या शशांक चोपड़ा को पहले गिरफ्तार किया गया था?
हाँ, शशांक चोपड़ा को इसी साल जनवरी में गिरफ्तार किया गया था।
ईडी की जांच किस अधिनियम के तहत चल रही है?
ईडी की जांच मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत चल रही है।