क्या कोडीन मामले में सीएम योगी ने समाजवादी पार्टी को घेरा?
सारांश
Key Takeaways
- कोडीन कफ सिरप का दुरुपयोग बढ़ा है।
- मुख्यमंत्री ने समाजवादी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- जांच की प्रक्रिया चल रही है।
- शीतकालीन सत्र में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी।
- सरकार विकास के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखती है।
लखनऊ, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुक्रवार से आरंभ हो चुका है। इस सत्र के शुरू होने से पहले, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोडीन कफ सिरप के मामले को लेकर समाजवादी पार्टी पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि माफिया के संबंध समाजवादी पार्टी से रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि हमारी जांच जारी है और अब तक जितने भी लोग पकड़े गए हैं, उनके तार समाजवादी पार्टी से जुड़े हुए हैं। जल्द ही जांच का परिणाम सामने आएगा और सच उजागर होगा।
उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि जिन अभियुक्तों को एसटीएफ या यूपी पुलिस ने पकड़ा है, उनके संबंध समाजवादी पार्टी से हैं। यह पार्टी पहले से ही कुख्यात रही है और इस मामले में इसकी संलिप्तता स्पष्ट रूप से सामने आएगी। इस मामले की जांच के लिए एक राज्यस्तरीय एसआईटी का गठन किया गया है, जिसमें यूपी पुलिस और एफएसडीए के अधिकारी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी रिपोर्ट आने के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जा सकेगा, लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है कि सपा प्रमुख द्वारा कहे गए शब्दों की सच्चाई कुछ और ही है। इस संदर्भ में उन्होंने एक पंक्ति का उल्लेख किया: “यही कसूर मैं बार-बार करता रहा, धूल चेहरे पर थी, आईना साफ करता रहा।” इसका मतलब है कि जिन माफियाओं के साथ उनकी तस्वीरें सामने आई हैं, स्वाभाविक रूप से उनकी अवैध गतिविधियों में संलिप्तता उजागर होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच होने दीजिए, सच सामने आ जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि कोडीन एनडीपीएस अधिनियम के अंतर्गत आने वाली एक औषधि है, जिसका उपयोग कोडीन-युक्त कफ सिरप के निर्माण में किया जाता है, जो गंभीर खांसी के उपचार में सहायक होता है। इसका कोटा और आवंटन सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो द्वारा केवल अधिकृत औषधि निर्माण के लिए किया जाता है। उन्होंने कहा कि यह कफ सिरप कई स्थानों पर नशीले पदार्थ के रूप में दुरुपयोग किया जा रहा था। अवैध तस्करी की शिकायतें मिलने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने कार्रवाई की। यूपी पुलिस और खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) के नेतृत्व में इसे एनडीपीएस अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई।
मुख्यमंत्री ने बताया कि यह कार्रवाई एफएसडीए, यूपी पुलिस और एसटीएफ द्वारा की जा रही है, जिसमें अब तक बड़े पैमाने पर अवैध तस्करी के मामलों का खुलासा हुआ है और व्यापक गिरफ्तारियां भी की गई हैं।
उन्होंने कहा कि 24 दिसंबर तक शीतकालीन सत्र में सभी सदस्यों को सदन में अपने मुद्दों को उठाने, प्रदेश की जनता के हित में और उत्तर प्रदेश के विकास से जुड़े विधायी कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए यह सत्र महत्वपूर्ण होगा। सरकार हर मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए तैयार है। सरकार विकास से जुड़े मुद्दों पर सकारात्मक दृष्टिकोण रखती है। सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए हमें सभी दलों के सहयोग की अपेक्षा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश का सबसे बड़ा विधानमंडल लगातार सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। जब लोकतंत्र से जुड़े पवित्र स्थल चर्चा और संवाद के केंद्र बनते हैं, तब जनप्रतिनिधि जनविश्वास पर खरा उतरता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि सरकार की इच्छा थी कि सत्र अधिक दिनों तक चले, लेकिन वर्तमान में अधिकांश जनप्रतिनिधि मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण कार्यों में व्यस्त हैं, जो लोकतंत्र की शुचिता के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसी कारण आवश्यक विधायी कार्यों, अनुपूरक मांगों और ‘वंदे मातरम्’ पर चर्चा के लिए सत्र अवधि आज से 24 दिसंबर तक निर्धारित की गई है। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि यह सत्र उत्तर प्रदेश विधानमंडल और राज्य के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।