क्या ईडी ने इंदौर नगर निगम फर्जी बिल घोटाले में 34 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की?

सारांश
Key Takeaways
- ईडी ने 34 करोड़ की संपत्ति कुर्क की।
- 43 अचल संपत्तियां प्रभावित हुईं।
- फर्जी बिलों के माध्यम से धन की हेराफेरी।
- जांच में 20+ स्थानों पर तलाशी अभियान।
- अधिकारी और ठेकेदारों की मिलीभगत।
इंदौर, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), इंदौर उप-क्षेत्रीय कार्यालय ने धन शोधन निवारण (पीएमएलए) 2002 के तहत 'इंदौर नगर निगम (आईएमसी)' के फर्जी बिल घोटाले के मामले में लगभग 34 करोड़ रुपए की संपत्ति को अनंतिम रूप से कुर्क किया है।
कुर्क की गई संपत्तियों में मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में स्थित 43 अचल संपत्तियां (आवासीय और कृषि) शामिल हैं।
ईडी ने आईएमसी फर्जी बिल घोटाले के संदर्भ में आईपीसी 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज की गई कई एफआईआर पर आधारित जांच शुरू की।
जांच में यह सामने आया है कि आईएमसी के अधिकारियों के साथ मिलीभगत करते हुए विभिन्न ठेकेदारों ने आपराधिक साजिश रची और बिना किसी काम के 'ड्रेनेज निर्माण कार्य' के फर्जी बिल पेश कर अपराध की आय (पीओसी) अर्जित की, जिसके चलते ठेकेदारों को 92 करोड़ रुपये का अवैध भुगतान किया गया।
जांच से यह भी पता चला कि ठेकेदारों ने अपने कर्मचारियों/श्रमिकों के नाम पर बनाए गए खातों का उपयोग कर भारी मात्रा में नकदी निकाली और इसे सरकारी अधिकारियों के बीच वितरित किया।
इससे पहले, ईडी ने इस मामले में 20 से अधिक स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया और 22 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की।
फिलहाल, इस मामले में आगे की जांच जारी है।