क्या बिहार के मुजफ्फरपुर में ईडी की तलाशी में 83 लाख रुपए जब्त हुए?
सारांश
Key Takeaways
- ईडी ने मुजफ्फरपुर में चार स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया।
- धोखाधड़ी में 83 लाख रुपए जब्त किए गए।
- सिम कार्ड अदला-बदली का इस्तेमाल किया गया।
- धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत जांच जारी है।
- आरोपियों के बैंक खातों को फ्रीज किया गया।
नई दिल्ली, 16 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पटना जोनल कार्यालय ने बिहार के मुजफ्फरपुर में चार स्थानों पर तलाशी अभियान शुरू किया है। यह कार्रवाई पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की एक शाखा में धोखाधड़ी से पैसे निकालने के संबंध में एक बड़े बैंकिंग घोटाले के चलते की गई है।
अधिकारियों ने सोमवार को जानकारी दी कि यह तलाशी अभियान 11 दिसंबर को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत धन शोधन की जांच के दौरान किया गया था।
ईडी के अनुसार, इस मामले में मुजफ्फरपुर के जवाहरलाल रोड स्थित पीएनबी शाखा के दो व्यक्तियों के बचत खातों से लगभग 1.29 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी से निकासी का मामला है।
कुल राशि में से, लगभग 1.07 करोड़ रुपए एक खाते से निकाले गए हैं, जबकि दूसरे खाते से 22.40 लाख रुपए की हेराफेरी की गई है। बिहार पुलिस द्वारा यह जांच मुजफ्फरपुर के नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज दो एफआईआर के आधार पर शुरू की गई थी।
ये पीएमएलए के तहत अपराधों की श्रेणी में आते हैं, जिससे ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की समानांतर जांच प्रारंभ की। एजेंसी ने बताया कि धोखाधड़ी को सिम कार्ड की अदला-बदली और ऑनलाइन बैंकिंग में हेराफेरी जैसी जटिल प्रक्रियाओं के माध्यम से अंजाम दिया गया था।
आरोपियों ने कथित तौर पर नकली पहचान दस्तावेजों का इस्तेमाल कर पीड़ितों के लिए नकली सिम कार्ड प्राप्त किए, जिससे उन्हें एसएमएस अलर्ट और प्रमाणीकरण के लिए बैंक में पंजीकृत मोबाइल नंबरों तक पहुंच मिली।
इस दौरान, पीएनबी के टोल-फ्री नंबर पर संदेश भेजकर इंटरनेट बैंकिंग सेवाएं सक्रिय की गईं, जिसके बाद पीड़ितों के खातों से बड़ी रकम स्थानांतरित की गई।
चोरी की गई राशि को कई स्तरों के लेन-देन के माध्यम से स्थानांतरित किया गया, जिसमें से एक बड़ा हिस्सा कोलकाता के एटीएम से नकद निकाला गया और फिर कैश डिपॉजिट मशीनों (सीडीएम) का उपयोग करके विभिन्न बैंक खातों में जमा किया गया।
ईडी ने तलाशी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज और सामग्री जब्त की और आरोपियों से जुड़े लगभग 83 लाख रुपए के बैंक खातों को फ्रीज कर दिया।
एजेंसी ने कहा कि अन्य आरोपियों की पहचान करने और अपराध की शेष धनराशि का पता लगाने के लिए आगे की जांच जारी है।