क्या ईडी ने नक्सली नेता दिनेश गोप और 19 अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज की है?

सारांश
Key Takeaways
- ईडी ने दिनेश गोप और 19 अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज की।
- उगाही के माध्यम से 20 करोड़ रुपए की अवैध कमाई का खुलासा।
- जांच में मनी लॉन्ड्रिंग के 3.36 करोड़ रुपए का पता चला।
- दिनेश गोप ने फर्जी कंपनियों का उपयोग किया।
- जांच अभी भी जारी है।
रांची, 18 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) के प्रमुख दिनेश गोप और उनके साथ 19 अन्य व्यक्तियों तथा संस्थाओं के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत रांची के विशेष पीएमएलए कोर्ट में एक पूरक अभियोजन शिकायत दायर की है।
यह कार्रवाई आतंकवाद रोधी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित मामलों में की गई है, जिसमें पीएलएफआई ने जबरन वसूली और लेवी के माध्यम से लगभग 20 करोड़ रुपए की अवैध कमाई की। ईडी की जांच में अब तक 3.36 करोड़ रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग का पता चला है।
ईडी ने झारखंड पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एफआईआर और आरोपपत्रों के आधार पर जांच प्रारंभ की थी। इनमें हत्या, हत्या का प्रयास, जबरन वसूली और आतंकवादी गतिविधियों जैसे संगठित अपराध शामिल हैं। जांच में यह सामने आया कि दिनेश गोप ने झारखंड और आस-पास के राज्यों में ठेकेदारों, व्यापारियों और ट्रांसपोर्टरों से हिंसा, आगजनी और धमकियों के माध्यम से उगाही की। इस अवैध धन को जटिल तरीकों से वैध दिखाने का प्रयास किया गया।
दिनेश गोप ने अपनी पत्नियों, शकुंतला कुमारी और हीरा देवी के नाम पर फर्जी कंपनियाँ स्थापित कीं, जिनका कोई वैध व्यापार नहीं था। इनके माध्यम से नकद को बैंक खातों में जमा किया जाता था। इसके बाद हवाला, स्थानीय धन हस्तांतरण और तीसरे पक्ष के व्यापार के जरिए इस धन को कई स्तरों पर बांटा जाता था, ताकि इसके आपराधिक स्रोत को छुपाया जा सके। इस धन का उपयोग लग्जरी वाहन, सावधि जमा और अन्य संपत्तियों की खरीद के लिए किया गया। इसके साथ ही, इसका इस्तेमाल परिवार के निजी खर्चों के लिए भी किया गया।
ईडी ने पहले पीएलएफआई के सहयोगी निवेश कुमार के खिलाफ 4 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग के लिए शिकायत दर्ज की थी, जिसमें हथियार खरीदने के लिए दिनेश गोप से मिले 2 करोड़ रुपए शामिल थे।
दिनेश गोप को 20 अगस्त 2025 को गिरफ्तार किया गया था। नवीनतम शिकायत में, ईडी ने सभी 21 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने और नकद, बैंक बैलेंस व वाहनों सहित 20 करोड़ रुपए की संपत्तियों को जब्त करने की मांग की है। जांच अभी भी जारी है।