क्या ईडी ने पाकिस्तानी नागरिक के साथ मिलकर फर्जी पासपोर्ट बनाने का मामला दर्ज किया?

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क्या ईडी ने पाकिस्तानी नागरिक के साथ मिलकर फर्जी पासपोर्ट बनाने का मामला दर्ज किया?

सारांश

कोलकाता की प्रवर्तन निदेशालय ने एक पाकिस्तानी नागरिक और उसके साथी पर फर्जी पासपोर्ट बनाने का मामला दर्ज किया है। इस मामले में और क्या खुलासे हो सकते हैं? जानिए पूरी जानकारी इस लेख में।

Key Takeaways

  • ईडी ने पाकिस्तानी नागरिक के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।
  • फर्जी पहचान पत्रों का निर्माण एक गंभीर अपराध है।
  • जांच में आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
  • अजद मलिक और उसके साथी हवाला नेटवर्क का संचालन कर रहे थे।
  • इंदुभूषण हलदर ने कई भारतीय पहचान पत्र बनाने में सहायता की।

कोलकाता, 16 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कोलकाता क्षेत्रीय कार्यालय ने एक पाकिस्तानी नागरिक अजद मलिक उर्फ ​​अहमद हुसैन अजद उर्फ ​अजद हुसैन के मामले में इंदुभूषण हलदर उर्फ ​​दुलाल और चार अन्य के खिलाफ पीएमएलए कोर्ट के समक्ष एक अतिरिक्त आरोप पत्र दाखिल किया है। कोर्ट ने अभियुक्तों को नोटिस जारी किया है।

जानकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा अजद मलिक के खिलाफ दर्ज एफआईआर के आधार पर ईडी ने मामले की जांच शुरू की। जांच में पता चला है कि पाकिस्तान का नागरिक अजद हुसैन, मोना मलिक के बेटे अजद मलिक की फर्जी पहचान से भारत में रह रहा था।

वह इंदुभूषण हलदर के साथ मिलकर बांग्लादेश से आए अवैध प्रवासियों के लिए पैसे के बदले धोखाधड़ी से भारतीय पहचान पत्र हासिल करने में शामिल पाया गया। इसके बाद अजद मलिक उर्फ ​​अहमद हुसैन अजद उर्फ ​​अजद हुसैन को 15 अप्रैल 2025 को और इंदुभूषण हलदर उर्फ ​​दुलाल को 13 अक्टूबर 2025 को गिरफ्तार किया गया।

दोनों आरोपी वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं। जांच के दौरान अजद मलिक से जुड़े कई परिसरों पर तलाशी ली गई, जिसके परिणामस्वरूप आपत्तिजनक दस्तावेज और रिकॉर्ड जब्त किए गए। जांच के दौरान पता चला कि अजद मलिक उर्फ ​​अहमद हुसैन अजद उर्फ ​​अजद हुसैन एक पाकिस्तानी नागरिक है जो भारत में फर्जी भारतीय पहचान के तहत रह रहा है।

उसने अपने साथियों की मदद से जाली जानकारी का इस्तेमाल करके आधार कार्ड, पैन कार्ड और पासपोर्ट जैसे कई भारतीय पहचान पत्र बनवाए थे।

वह हवाला नेटवर्क भी चलाता था, जिसके जरिए वह भारत और बांग्लादेश के बीच अवैध रूप से पैसे भेजता था।

वह नकद और यूपीआई के जरिए भुगतान इकट्ठा करता था और फिर बीकैश जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके उतनी ही रकम बांग्लादेश भेजता था।

ईडी की जांच में पता चला कि अजद हुसैन ने इंदुभूषण हलदर उर्फ ​​दुलाल के माध्यम से अजद मलिक की फर्जी पहचान का इस्तेमाल करके अपना धोखाधड़ी से प्राप्त भारतीय पासपोर्ट नवीनीकृत कराया था।

अजद हुसैन जाली और मनगढ़ंत दस्तावेजों के आधार पर अपने साथी इंदुभूषण हलदर उर्फ ​​दुलाल की मदद से पासपोर्ट के लिए आवेदन करता था और जाली दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट जारी करवाता था। वे पासपोर्ट सहित सभी भारतीय पहचान दस्तावेजों को बनवाने के लिए लगभग 50,000 रुपए लेते थे, और अजद हुसैन और इंदुभूषण ने अपने ग्राहकों के लगभग 300-400 पासपोर्ट आवेदनों को आगे बढ़ाया था।

Point of View

बल्कि यह देश की सुरक्षा के लिए भी एक गंभीर चिंता का विषय है। फर्जी पहचान पत्रों का निर्माण एक संगठित अपराध का संकेत है, जिसे समय रहते रोकना आवश्यक है।
NationPress
16/12/2025

Frequently Asked Questions

ईडी ने किसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की?
ईडी ने पाकिस्तानी नागरिक अजद मलिक और उसके साथियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।
अजद मलिक कौन है?
अजद मलिक एक पाकिस्तानी नागरिक है जो फर्जी पहचान पत्र बनाकर भारत में रह रहा था।
ईडी की जांच में क्या पाया गया?
ईडी की जांच में पाया गया कि अजद मलिक ने जाली दस्तावेजों के आधार पर भारतीय पहचान पत्र बनवाए थे।
अजद मलिक को कब गिरफ्तार किया गया?
अजद मलिक को 15 अप्रैल 2025 को गिरफ्तार किया गया।
इंदुभूषण हलदर का क्या संबंध है?
इंदुभूषण हलदर, अजद मलिक का साथी है जो फर्जी पहचान पत्र बनाने में मदद करता था।
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