क्या दो महीने के एक्टिंग कोर्स ने ईशा गुप्ता की किस्मत बदल दी? जानिए कैसे मिली पहली फिल्म
सारांश
Key Takeaways
- ईशा गुप्ता ने दो महीने के एक्टिंग कोर्स के बाद फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा।
- उनका संघर्ष और सफलता प्रेरणादायक है।
- उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने के लिए कई मुश्किलों का सामना किया।
- ईशा सिर्फ शाकाहारी व्यंजनों की विशेषज्ञ हैं।
- उनकी पहली फिल्म 'जन्नत 2' थी, जिसमें उन्हें प्रमुख भूमिका मिली।
नई दिल्ली, 27 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। 2012 में रिलीज हुई 'जन्नत 2' की सरल और सजीव जाह्ववी तौमर से लेकर 'आश्रम' की तेज़-तर्रार सोनिया तक, ईशा गुप्ता ने हर किरदार से दर्शकों का दिल जीता है।
किसी को नहीं पता था कि पहली फिल्म में अपनी खूबसूरती से सबका दिल जीतने वाली ईशा हर किरदार को पर्दे पर सादगी से उतार देंगी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि मॉडलिंग से अपने करियर की शुरुआत करने वाली ईशा एक शेफ बनकर अपना खुद का होटल चलाना चाहती थीं, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया?
28 नवंबर को दिल्ली में जन्मी ईशा गुप्ता को बचपन से ही खाना बनाने का शौक था। 12 साल की उम्र में उन्होंने तय कर लिया था कि वे बड़ी होकर किसी फाइव स्टार होटल में शेफ बनेंगी या अपना खुद का रेस्तरां शुरू करेंगी, लेकिन एक्ट्रेस का शाकाहारी होना भी उनके करियर पर भारी पड़ गया। एक शेफ बनने के लिए शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह के पकवानों की जानकारी होनी चाहिए, लेकिन ईशा सिर्फ शाकाहारी व्यंजनों के बारे में जानती थीं। उनके पिता के दोस्त ने उन्हें छोटा-मोटा रेस्तरां खोलने की सलाह दी, लेकिन ईशा का ख्वाब कुछ बड़ा करने का था, इसलिए उन्होंने शेफ बनने का विचार छोड़ दिया।
फिल्म इंडस्ट्री में भी ईशा को फिल्में मिलने में ज्यादा मेहनत नहीं लगी। दो महीने के एक्टिंग कोर्स के बाद ही उन्हें ऑडिशन के बाद मुकेश भट्ट की फिल्म 'जन्नत 2' में रोल मिल गया। एक इंटरव्यू में ईशा ने बताया था कि मॉडलिंग के बाद फिल्मों में काम करने के लिए उन्होंने अनुपम खेर की एक्टिंग अकादमी में 2 महीने एक्टिंग का कोर्स किया और फिर ऑडिशन देने चली गईं। पहले फिल्म में प्राची देसाई लीड रोल निभाने वाली थीं, लेकिन फिल्म की शूटिंग से दो हफ्ते पहले उन्हें रिप्लेस कर दिया गया और उनकी जगह ईशा को मिली।
'जन्नत 2' के बाद ईशा के लिए फिल्म इंडस्ट्री के दरवाजे खुल गए। उन्होंने 2012 में ही 'राज़ 3 डी' और 'चक्रव्यूह' में भी काम किया। 'राज़ 3 डी' एक हॉरर फिल्म थी, जबकि 'चक्रव्यूह' में ईशा निगेटिव रोल में नजर आईं। दोनों ही फिल्मों को दर्शकों ने पसंद किया और ईशा ने एक साल के अंदर तीन फिल्में करके अपनी पहचान बनाई, जिसके बाद वे 'बेबी', 'पलटन', 'रुस्तम', और 'टोटल धमाल' जैसी फिल्मों में भी नजर आईं।
फिल्मों में आना ईशा के लिए आसान रहा, लेकिन अपने गहरे रंग को लेकर उन्हें कई बार आलोचना का सामना करना पड़ा। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि करियर की शुरुआत में उनके रंग को लेकर शर्मिंदा करने की कोशिश की जाती थी, लेकिन ईशा ने कभी भी इन बातों को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया।