क्या यूरोप और मिडिल ईस्ट भीषण गर्मी की चपेट में हैं?

सारांश
Key Takeaways
- यूरोप और मिडिल ईस्ट में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है।
- जल संकट के कारण ईरान में आपात स्थिति घोषित की गई है।
- यूनान में जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ी हैं।
- तापमान सामान्य औसत से 10 डिग्री अधिक हो गया है।
- आग लगने की घटनाओं में वृद्धि से जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
बीजिंग, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। इस समय, यूरोप और मिडिल ईस्ट अत्यधिक गर्मी के प्रभाव में हैं, जिसके फलस्वरूप अनेक देशों में जलवायु आपात स्थितियां घोषित की गई हैं।
ईरान के राष्ट्रीय मौसम विभाग ने बताया है कि देश इस वर्ष का सबसे गर्म सप्ताह देख रहा है, जहां तापमान 50 डिग्री सेल्सियस से अधिक पहुंच गया है।
राजधानी तेहरान में रविवार को तापमान 40 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
तेहरान जल प्राधिकरण ने निवासियों से पानी की खपत में कम से कम 20 प्रतिशत की कटौती करने की अपील की है, क्योंकि राजधानी को जलापूर्ति करने वाले बांध पिछले 100 वर्षों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुके हैं।
इस बीच, तेहरान से लगभग 3,500 किलोमीटर पश्चिम में स्थित यूनानी राजधानी एथेंस में गर्मी की पहली लंबी लहर का आगमन हुआ है।
नेशनल ऑब्जर्वेटरी के अनुसार, उत्तरी अफ्रीका से आ रही गर्म हवाओं ने क्षेत्र में हीट-चैंबर बना दिया है, जिसके कारण तापमान सामान्य औसत से 10 डिग्री अधिक दर्ज किया गया है। इस सप्ताह औसत अधिकतम तापमान 38 डिग्री तक पहुंच सकता है, जबकि कुछ क्षेत्रों में यह 44 डिग्री तक जा सकता है।
ग्रीक अखबार 'द नेशनल हेराल्ड' ने इसे "नरक से भी गर्म" बताया है।
इस भीषण गर्मी और तेज हवाओं के चलते यूनान में जंगलों में भीषण आग लगी है। क्रेट द्वीप पर लगी आग ने जंगलों और जैतून के पेड़ों को जलाकर राख कर दिया, जिससे हजारों लोग वहां से भागने पर मजबूर हो गए हैं। इसके अलावा, एथेंस के पास एक और आग रिहायशी इलाकों के करीब पहुंच गई है।
तुर्की में भी स्थिति गंभीर बनी हुई है, जहां 26 जून के बाद 10 दिनों में जंगल में आग लगने की 761 घटनाएं दर्ज की गईं। पश्चिमी इज़मिर प्रांत में लगी आग में एक बुजुर्ग व्यक्ति और एक वनकर्मी की जान चली गई।
यूरोप के विभिन्न हिस्सों में, जैसे स्पेन और इटली में, अब तक कम से कम आठ लोगों की गर्मी के कारण मृत्यु हो चुकी है।
विश्व मौसम विज्ञान संगठन की प्रवक्ता क्लेयर नुलिस ने कहा, “हम इस समय एक शक्तिशाली उच्च दबाव प्रणाली के प्रभाव में हैं, जो उत्तरी अफ्रीका से गर्म हवा को इस क्षेत्र में रोक रही है। इसका हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है।”