क्या गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट में इमरान मसूद का सरेंडर और अंतरिम जमानत का मामला है?

सारांश
Key Takeaways
- इमरान मसूद ने सीबीआई कोर्ट में सरेंडर किया।
- उन्हें 25 जुलाई तक अंतरिम जमानत मिली है।
- यह मामला पीएनबी घोटाले से जुड़ा है।
- कोर्ट ने गैर-जमानती वारंट जारी किया था।
- अगली सुनवाई 25 जुलाई को होगी।
गाजियाबाद, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने सोमवार को पीएनबी घोटाले के 40.12 लाख के मामले में गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट में सरेंडर किया, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें 25 जुलाई तक अंतरिम जमानत प्रदान की।
जानकारी के अनुसार, कांग्रेस सांसद इमरान मसूद के खिलाफ सीबीआई कोर्ट ने गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया था। इसके फलस्वरूप इमरान मसूद ने सोमवार को सीबीआई कोर्ट में सरेंडर किया और सुनवाई के दौरान उनके वकील ने अंतरिम जमानत की मांग की, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए 25 जुलाई तक के लिए मंजूर कर दिया।
इमरान मसूद को 25 जुलाई को कोर्ट में पुनः उपस्थित होना होगा।
उल्लेखनीय है कि इमरान मसूद साल 2007 में सहारनपुर नगर पालिका में हुए 40 लाख रुपए के कथित फ्रॉड मामले में आरोपी हैं। सीबीआई की जांच में उन्हें दोषी पाया गया था।
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान एक सिपाही को फटकार लगाते हुए पूछा कि मसूद को गिरफ्तार कर कोर्ट में क्यों नहीं लाया गया।
गौरतलब है कि 11 जुलाई को गाजियाबाद की एक विशेष सीबीआई अदालत ने 2007 के पीएनबी घोटाले के 40.12 लाख के मामले में इमरान मसूद के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था। यह मामला सहारनपुर नगर पालिका के ईओ द्वारा दायर किया गया था।
हालांकि, मसूद की याचिका को खारिज कर दिया गया। न्यायाधीश अरविंद मिश्रा ने उन्हें 18 जुलाई को अदालत में पेश होने के लिए तलब किया था।
इस मामले में अगली सुनवाई 25 जुलाई को होगी, जिसमें इमरान मसूद की जमानत पर निर्णय लिया जा सकता है।
इमरान मसूद ने सीबीआई कोर्ट में पेश होने से पूर्व संसद के मानसून सत्र की कार्यवाही में भाग लिया था।
इमरान मसूद ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा, "हम चाहते हैं कि सरकार चर्चा करे और हमें बताए कि पहलगाम के आतंकवादी कहां गए। क्या हमने उन्हें खत्म किया या नहीं? ऑपरेशन सिंदूर से हमें क्या हासिल हुआ?"