क्या आय से अधिक संपत्ति मामले में एक्साइज इंस्पेक्टर को 5 साल की सजा मिली?
सारांश
Key Takeaways
- भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई
- सजा का संदेश सरकारी अधिकारियों के लिए
- जांच का विस्तार और परिणाम
- संपत्ति की जांच में पारदर्शिता
- न्याय का महत्व
अहमदाबाद, 29 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। अहमदाबाद की विशेष सीबीआई अदालत ने आय से अधिक संपत्ति के एक मामले में सेंट्रल एक्साइज और सर्विस टैक्स विभाग के इंस्पेक्टर कौशिक अनवंत्राय करेलिया को पांच साल की सख्त कैद की सजा सुनाई है।
इसके साथ ही उन पर 63 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। उनकी पत्नी पूजा करेलिया को अपराध में मदद करने के आरोप में एक साल की कैद और 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा दी गई है।
कौशिक करेलिया उस समय कांडला स्पेशल इकोनॉमिक जोन (कैसेज) में अप्रेजर और प्रिवेंटिव ऑफिसर के पद पर तैनात थे। वर्तमान में वे भावनगर में सेंट्रल एक्साइज और सर्विस टैक्स इंस्पेक्टर के रूप में कार्यरत हैं। सीबीआई ने यह मामला 30 सितंबर 2013 को दर्ज किया था। शुरुआती आरोप था कि 1 सितंबर 2008 से 31 मार्च 2013 तक की अवधि में उन्होंने अपनी ज्ञात आय से 19 लाख 86 हजार रुपए से अधिक की संपत्ति अर्जित की थी, जो उनकी आय से 130 प्रतिशत ज्यादा थी।
जांच के दौरान अवधि को 1 अप्रैल 2004 से 20 मार्च 2013 तक बढ़ा दिया गया। जांच पूरी होने के बाद सीबीआई ने 3 सितंबर 2014 को कौशिक करेलिया और उनकी पत्नी पूजा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। चार्जशीट में आरोप लगाया गया कि उन्होंने ज्ञात आय स्रोतों से 57 लाख 60 हजार रुपए से अधिक की संपत्ति जमा की, जो उनकी आय से करीब 183.57 प्रतिशत ज्यादा थी।
लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने दोनों आरोपियों को दोषी करार दिया और सजा सुनाई। इस फैसले से भ्रष्टाचार के मामलों में सरकारी अधिकारियों के लिए एक सख्त संदेश गया है। सीबीआई की जांच से पता चला कि आरोपी ने अपनी पत्नी के नाम पर भी संपत्तियां बनवाईं, जिससे मामले में पत्नी भी आरोपी बनी। अदालत ने सबूतों और गवाहों के बयानों के आधार पर यह फैसला दिया।