क्या 'वोटर अधिकार यात्रा' को 'घुसपैठिया बचाओ यात्रा' कहना उचित है? फखरुल हसन का बयान

सारांश
Key Takeaways
- वोटर अधिकार यात्रा को लेकर विवाद बढ़ा है।
- फखरुल हसन ने भाजपा पर आरक्षण का विरोध करने का आरोप लगाया।
- प्रधानमंत्री मोदी के विदेश दौरे को सपा ने सराहा।
- उत्तर प्रदेश में पीडीए ने एकजुटता दिखाई है।
- संभल रिपोर्ट को गोपनीय बताया गया है।
लखनऊ, 30 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने 'वोटर अधिकार यात्रा' को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा 'घुसपैठिया बचाओ यात्रा' कहे जाने पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि यह उचित नहीं है, क्योंकि पिछले 11 वर्षों से केंद्र में भाजपा
उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा, "देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी तो केंद्र सरकार के हाथों में है। देश में कौन आ रहा है और कौन नहीं, इस पर नज़र रखने की पूरी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है। लेकिन, यहां पर अजीब स्थिति है कि केंद्र सरकार विपक्ष से ही यह सवाल कर रही है, जो किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है।"
प्रधानमंत्री मोदी के जापान दौरे को सपा नेता ने सकारात्मक कदम बताया। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी हमेशा से ही इस बात की पक्षधर रही है कि भारत के संबंध दूसरे देशों से मजबूत होने चाहिए। यदि इस दिशा में प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से कोई कदम उठाया जाएगा, तो निश्चित रूप से हम इसका समर्थन करेंगे।
उन्होंने आरक्षण के मुद्दे पर अपनी पार्टी का रुख स्पष्ट किया। कहा कि हमारी पार्टी हमेशा से ही आरक्षण की हिमायती रही है। हम हमेशा से यह कहते आए हैं कि समाज के पिछड़े और दबे लोगों को आगे बढ़ाने में आरक्षण महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। लेकिन, यहां मैं एक बात कहना चाहता हूं कि भाजपा लगातार आरक्षण का विरोध कर रही है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता। आरक्षण समाज में दबे कुचले लोगों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। लेकिन, वर्तमान समय में जिस तरह से भाजपा इसका विरोध कर रही है, वह बिल्कुल भी उचित नहीं है।
‘वोटर अधिकार यात्रा’ में समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की भागीदारी को फखरुल हसन ने पिछड़े और दलितों का उत्साह बढ़ाने वाला बताया।
सपा प्रवक्ता ने कहा कि जिस तरह से उत्तर प्रदेश में पीडीए ने एकजुट होकर इन विरोधी तत्वों के हौसले को तोड़ा है, ठीक उसी प्रकार की स्थिति आगामी दिनों में बिहार में भी देखने को मिलेगी।
वहीं, संभल रिपोर्ट के संबंध में सपा प्रवक्ता ने कहा कि वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश सरकार के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है। इन लोगों ने सत्ता में रहते हुए इतने वर्षों तक युवाओं को रोजगार दिलाने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। किसान परेशान हैं, युवा हताश हैं। ऐसी स्थिति में सवाल यह है कि क्या यह सरकार है? जवाब बिल्कुल स्पष्ट है कि देश के लोगों का ध्यान मूल मुद्दों से भटकाने के लिए ये लोग इस मुद्दे को बढ़ावा दे रहे हैं। वैसे भी संभल रिपोर्ट को गोपनीय बताया गया है।