क्या फराह खान ने कुनिका सदानंद को नया बॉयफ्रेंड बनाने की सलाह दी?
सारांश
Key Takeaways
- व्यवहार में सुधार: रिश्तों में संतुलन बनाना आवश्यक है।
- खुद को स्वतंत्रता देना: दूसरों को अपने फैसले लेने देना चाहिए।
- पॉजिटिव बदलाव: आदतों में सुधार से जीवन में खुशी आती है।
मुंबई, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बॉलीवुड में अक्सर फिल्मी सितारे अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हैं। इस संदर्भ में, फिल्म निर्माता और प्रसिद्ध कोरियोग्राफर फराह खान ने अभिनेत्री कुनिका सदानंद के साथ एक दिलचस्प बातचीत की। हाल ही में, फराह कुनिका के घर गईं, जहाँ उन्होंने मजाक में कहा कि शायद अब उन्हें एक नया बॉयफ्रेंड खोज लेना चाहिए।
यह मजाक तब शुरू हुआ जब कुनिका ने 'बिग बॉस 19' के एक पुराने किस्से को याद किया। उन्होंने बताया कि शो के दौरान, फराह ने उनके व्यवहार पर टिप्पणी करते हुए उन्हें कंट्रोल फ्रीक कहा था। उस समय यह बात उन्हें बहुत बुरी लगी थी और वह अंदर से टूट गई थीं। कुनिका ने स्वीकार किया कि फराह की उस टिप्पणी के बाद वह रो पड़ी थीं और उन्हें काफी दुख हुआ था।
कुनिका ने कहा, 'उस घटना के बाद मैंने अपने व्यवहार और रिश्तों पर गंभीरता से विचार करना शुरू किया। मुझे एहसास हुआ कि मैं अपने जीवन में लोगों को इतना प्यार और ध्यान देती रही हूं कि कभी-कभी सामने वाले को घुटन महसूस होने लगती थी। मैं रिश्तों में सब कुछ संभालने और नियंत्रण में रखने की कोशिश करती थी, चाहे वो दोस्ती हो, प्यार हो या परिवार का रिश्ता। जब मैंने यह आदत कम की, तो मुझे खुद में एक सकारात्मक बदलाव महसूस हुआ।'
कुनिका की इस बात को सुनकर फराह खान ने मजाक में कहा, 'अब तो नया बॉयफ्रेंड बनाने का सही समय है।'
फराह ने अपनी निजी जिंदगी का एक महत्वपूर्ण अनुभव साझा किया, जिससे बातचीत और भी दिलचस्प हो गई। उन्होंने बताया कि वह खुद भी पहले बहुत कंट्रोलिंग थीं, खासकर घर के मामलों में। उन्होंने कहा, 'फिल्मों के सेट पर हर चीज पर नजर रखना और सबको निर्देश देना मेरी आदत बन गई थी। यह आदत धीरे-धीरे मेरी निजी जिंदगी में भी आ गई थी। लेकिन, समय के साथ मुझे समझ आया कि हर चीज को नियंत्रित करना आवश्यक नहीं है।'
फराह ने कहा, 'अब मैं जानबूझकर घर पर चीजें छोड़ना सीख रही हूं। मैं अपने परिवार को अपने फैसले खुद लेने देती हूं और उन्हें अपनी गलतियों से सीखने का मौका देती हूं। जब लोग बड़े होते हैं, तो हमें उन्हें हर कदम पर रोकने की जरूरत नहीं होती। आजादी देने से रिश्ते बेहतर होते हैं और घर का माहौल भी शांत रहता है। अब मैं बेवजह का तनाव नहीं लेती। मैंने चीजों को लेट गो करना सीख लिया है।'