फरीदाबाद में भयानक आग: क्या दंपति और बेटी की जान बचाई जा सकती थी?

सारांश
Key Takeaways
- फायर सेफ्टी सिस्टम की कमी से जान-माल का नुकसान हो सकता है।
- अग्निशामक सेवाओं की त्वरित पहुँच आवश्यक है।
- स्थानीय प्रशासन को आग सुरक्षा के उपायों पर ध्यान देना चाहिए।
- जनता को आग से बचाव के उपायों के प्रति जागरूक होना चाहिए।
- बचाव कार्य में सामुदायिक सहयोग महत्वपूर्ण है।
फरीदाबाद, 8 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। फरीदाबाद की ग्रीनफील्ड कॉलोनी में सोमवार तड़के एक गंभीर घटना हुई। कॉलोनी के एक बहुमंजिला मकान में एसी के शॉर्ट सर्किट से आग लग गई, जिससे घना धुआं फैल गया। इस धुएं के कारण एक पति, पत्नी और उनकी बेटी की मौत हो गई, जबकि उनका बेटा गंभीर रूप से घायल हुआ।
पुलिस के अनुसार, ग्रीनफील्ड कॉलोनी के मकान नंबर 787 की पहली मंजिल पर 50 वर्षीय सचिन कपूर अपने परिवार के साथ निवास करते थे। सोमवार सुबह लगभग 3 बजे, ऊपरी मंजिल पर रहने वाले मलिक परिवार के एसी में शॉर्ट सर्किट हुआ, जिससे अचानक आग लग गई। आग के कारण उठे घने धुएं ने कपूर परिवार के घर को अपने शिकंजे में ले लिया। उस समय सचिन कपूर अपनी पत्नी रिंकू कपूर, बेटी सुजान और बेटे आर्यन के साथ सो रहे थे। अचानक घर में घुसे धुएं से सभी का दम घुटने लगा। घबराहट में परिवार ने बचने की कोशिश की, लेकिन छत का गेट बंद होने के कारण वे बाहर नहीं निकल पाए।
इस दौरान सचिन, उनकी पत्नी रिंकू और बेटी सुजान बेहोश होकर गिर पड़े। वहीं, बेटे आर्यन ने साहस दिखाते हुए किसी तरह बालकनी से कूदने का निर्णय लिया। नीचे गिरने से उसे गंभीर चोटें आईं। पड़ोसियों ने तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया, जहां उसका इलाज चल रहा है।
सूचना मिलते ही पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। पुलिस ने सचिन कपूर, उनकी पत्नी और बेटी को अचेत अवस्था में अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। इस पूरे मामले की जांच जारी है।
स्थानीय पार्षद ने कहा, "यह हादसा अत्यंत दुखद और हृदयविदारक है। हमें गहरा दुख है कि इस घटना में तीन लोगों की जान चली गई। स्थानीय लोगों और पुलिस ने राहत कार्य में सराहनीय सहयोग किया। हमारे क्षेत्र में एक फायर स्टेशन की स्थापना बेहद आवश्यक है, और यह हमारी पुरजोर मांग है। यदि फायर स्टेशन होता, तो फायर ब्रिगेड को पहुंचने में देरी न होती और शायद यह हादसा टाला जा सकता था। इसके अलावा, बिल्डर्स की लापरवाही भी सामने आई है, क्योंकि इमारत में कोई फायर सेफ्टी सिस्टम नहीं था। मैं मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर और क्षेत्रीय विधायक से अनुरोध करता हूं कि वे इस गंभीर मुद्दे को सदन में उठाएं और क्षेत्र में फायर स्टेशन की स्थापना के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं।