क्या मोदी सरकार के प्रयासों से फतेहपुर सीकरी में अंतरराष्ट्रीय आलू अनुसंधान केंद्र की स्थापना संभव हुई?

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क्या मोदी सरकार के प्रयासों से फतेहपुर सीकरी में अंतरराष्ट्रीय आलू अनुसंधान केंद्र की स्थापना संभव हुई?

सारांश

फतेहपुर सीकरी में अंतरराष्ट्रीय आलू अनुसंधान केंद्र की स्थापना से न केवल किसानों को लाभ होगा, बल्कि यह क्षेत्र के लिए रोजगार के नए अवसर भी लाएगा। जानिए कैसे इस केंद्र की स्थापना से भारत विश्व आलू बाजार में अपनी स्थिति को और मजबूत करेगा।

Key Takeaways

  • अंतरराष्ट्रीय आलू अनुसंधान केंद्र की स्थापना से नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।
  • किसानों को आधुनिक तकनीक का लाभ मिलेगा।
  • यह परियोजना आर्थिक विकास में सहायक होगी।
  • आलू उत्पादन में गुणवत्ता में सुधार होगा।
  • यह केंद्र आगरा को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाएगा।

आगरा, 1 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। फतेहपुर सीकरी लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद राजकुमार चाहर ने केंद्र सरकार द्वारा फतेहपुर सीकरी में अंतरराष्ट्रीय आलू अनुसंधान केंद्र की स्थापना के लिए 111.5 करोड़ रुपये की स्वीकृति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है।

उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना को लेकर फतेहपुर सीकरी लोकसभा क्षेत्र में उत्सव का माहौल है। यह केंद्र न केवल आगरा, बल्कि पूरे भारत और एशिया के आलू किसानों के लिए एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा। यह अंतरराष्ट्रीय आलू अनुसंधान केंद्र पेरू (अमेरिका) स्थित अंतरराष्ट्रीय आलू अनुसंधान केंद्र की एकमात्र एशियाई शाखा होगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस परियोजना के लिए फतेहपुर सीकरी लोकसभा क्षेत्र में 10 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई है। केंद्र सरकार की हालिया कैबिनेट बैठक में इस केंद्र के प्रारंभिक निर्माण के लिए 111.5 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। यह केंद्र आलू की खेती में नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देगा, जिससे नई और उन्नत किस्मों का विकास संभव होगा।

उन्होंने आगे कहा कि इस अनुसंधान केंद्र में आधुनिक प्रयोगशालाओं (लैब) की स्थापना की जाएगी, जहां आलू की नई किस्मों पर शोध किया जाएगा। यह केंद्र चिप्स, बीयर, और फूड प्रोसेसिंग जैसे उद्योगों के लिए उन्नत किस्म के आलू विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

सांसद राजकुमार चाहर ने बताया कि इस परियोजना से क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और आलू किसानों को आधुनिक तकनीकों का लाभ मिलेगा। यह केंद्र न केवल स्थानीय किसानों, बल्कि पूरे भारत के आलू उत्पादकों के लिए लाभकारी होगा। आलू उत्पादन में भारत पहले से ही अग्रणी देशों में शामिल है, और इस केंद्र की स्थापना से आलू की गुणवत्ता और उत्पादकता में और वृद्धि होगी। यह परियोजना आलू आधारित उद्योगों, जैसे कि खाद्य प्रसंस्करण और निर्यात, को बढ़ावा देगी।

सांसद चाहर ने इसे मोदी सरकार की दूरदर्शी सोच का परिणाम बताया और कहा कि यह केंद्र आगरा को वैश्विक स्तर पर आलू अनुसंधान का केंद्र बनाएगा। फतेहपुर सीकरी लोकसभा क्षेत्र में पहले से ही मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन जैसी योजनाओं ने सफलता हासिल की है। अब अंतरराष्ट्रीय आलू अनुसंधान केंद्र की स्थापना इस क्षेत्र के लिए एक और ऐतिहासिक कदम है। यह परियोजना न केवल आर्थिक विकास को गति देगी, बल्कि क्षेत्र को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान भी दिलाएगा।

उन्होंने आगे कहा कि यह केंद्र आगरा के लिए गर्व की बात है। यह न केवल हमारे किसानों की आय बढ़ाएगा, बल्कि क्षेत्र में रोजगार और नवाचार को भी बढ़ावा देगा। इस परियोजना से आलू की खेती में क्रांति की उम्मीद जताई जा रही है, जो भारत को वैश्विक आलू बाजार में और मजबूत स्थिति प्रदान करेगा।

Point of View

बल्कि यह क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी गति देगा। मोदी सरकार की योजनाएं किसानों के लिए नई उम्मीदें लेकर आई हैं।
NationPress
21/10/2025

Frequently Asked Questions

फतेहपुर सीकरी में अंतरराष्ट्रीय आलू अनुसंधान केंद्र कब स्थापित होगा?
इस केंद्र का प्रारंभिक निर्माण कार्य जल्द ही शुरू होगा, जैसा कि केंद्र सरकार ने 111.5 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।
इस केंद्र के लाभ क्या होंगे?
यह केंद्र आलू की नई किस्मों के विकास के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा।
क्या यह केंद्र केवल स्थानीय किसानों के लिए है?
नहीं, यह केंद्र पूरे भारत के आलू उत्पादकों के लिए लाभकारी होगा।
क्या इस केंद्र की स्थापना से आलू उत्पादन में वृद्धि होगी?
हां, यह केंद्र आलू की गुणवत्ता और उत्पादकता को बढ़ाने में मदद करेगा।
मोदी सरकार की योजनाओं का इस केंद्र से क्या संबंध है?
यह केंद्र मोदी सरकार की दूरदर्शी सोच का परिणाम है और इससे क्षेत्र को नई पहचान मिलेगी।